Holi 2022:  भारत में रंगों के त्यौहार का कितना महत्व है ? यह समझाने की किसी को आवश्यकता नहीं है. पूरब से पश्चिम तक और उत्तर से दक्षिण तक रंगों का त्योहार होली आम लोगों के बीच काफी पैठ रखता है, लेकिन रंगों के इस त्यौहार पर श्वेत वस्त्र (White Clothes) का भी अपना महत्व है. होली पर्व पर श्वेत वस्त्र पहनने के कई ऐसे कारण हैं जिनका ज्योतिष शास्त्र से सीधा संबंध है. 

 

होली पर सफेद कपड़े पहनने का क्या है महत्व? 

 


  • वैसे तो होली का त्यौहार भी अन्य त्यौहार की तरह खुशी लेकर आता है लेकिन इसका महत्व इसलिए काफी बढ़ जाता है क्योंकि इस त्यौहार पर गिले-शिकवे भूलाकर लोग एक दूसरे के गले लग जाते हैं.

  • इस बार होली पर विशेष योग बन रहा है. इसे बुध-गुरुआदित्य योग माना जा रहा है. यह योग कई वर्षों बाद बना है. ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डिब्बे वाला के मुताबिक होली पर्व पर सफेद कपड़े पहनने का विशेष महत्व है.

  • उन्होंने बताया कि श्वेत वस्त्र शांति का प्रतीक है और सफेद रंग पर हर रंग चढ़ जाता है, इसलिए होली पर्व पर श्वेत वस्त्र विशेष रूप से पहने जाते हैं. उन्होंने बताया कि मन में शांति और सुख समृद्धि के प्रतीक श्वेत वस्त्र के माध्यम से लोग शांति का संदेश देते हैं.

  • होली पर्व पर ऐसा माना जाता है कि दुश्मन भी गले मिलकर अपने गिला शिकवा दूर कर लेते हैं. जिस प्रकार पानी का कोई रंग नहीं होता और जिस रंग को पानी में मिलाया जाता है वह उसी का हो जाता है.

  • इसी प्रकार श्वेत वस्त्र का अपना कोई रंग नहीं होता है. श्वेत वस्त्र पर जो भी रंग डाला जाता है वह उसी रंग का हो जाता है.


 


 

इस बार मध्य प्रदेश में गैर निकालने की परंपरा को भी मिली हरी झंडी

 


  • मध्यप्रदेश के मालवा अंचल में होली पर्व धुलेंडी से शुरू होकर रंग पंचमी तक मनाया जाता है. इस दौरान गैर भी निकाली जाती है. दो साल से कोविड-19 के कारण गैर पर रोक लग गई थी लेकिन इस बार सरकार और जिला प्रशासन ने प्रतिबंध हटा दिए हैं. 

  • इस बार पारंपरिक गैर भी निकाली जाएगी. जिस प्रकार दीपावली पर्व पर चमकदार वस्त्र पहन कर लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए पूजा अर्चना की जाती है, उसी तरह होली पर्व पर श्वेत वस्त्र पहन कर गिला शिकवा दूर करने के प्रयास होते हैं. इसी कड़ी में गैर भी निकाली जाती है.


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