Holi Celebration in MP: होली और रंग पंचमी पर्व को लेकर मध्य प्रदेश सरकार ने सावधानियां बरतने की गाइडलाइन जारी की है. गाइडलइन में कहा गया है कि लोगों को रसायनिक रंगों से ज्यादा हर्बल रंगों का उपयोग करना चाहिए. इसके अलावा बालों और आंख को विशेष रूप से रंगों से बचाने की जरूरत है. सावधानी नहीं बरतने व स्वास्थ्य के प्रति प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. 


रंगों का पर्व होली छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक के बीच काफी लोकप्रिय है. मध्य प्रदेश के सभी जिलों में होली का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है. इसी बीच मध्य प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य विभाग की ओर से सावधानी बरतने की गाइडलाइन जारी की गई है. इस गाइडलाइन कई महत्वपूर्ण बातें हैं जो इस बार ही सामने आई है. हर बार गाइडलाइन नई परिस्थितियों के अनुकूल सावधानियां जोड़ी जाती है. इस बार त्वचा और कोविड-19 लेकर कई सावधानियां बढ़ाई गई है. 
त्वचा रोग विशेषज्ञ डॉक्टर एनके त्रिवेदी के मुताबिक सरकारी गाइडलाइन आम लोगों के फायदे के लिए होती है. होली पर्व के बाद कई लोगों को त्वचा संबंधी शिकायतें सामने आती है. सरकारी गाइडलाइन का पालन करने से काफी हद तक त्वचा संबंधी बीमारियों से भी बचा जा सकता है. 


होली की सावधानियों की गाइडलाइन


- होली खेलते समय बालों को रंगों से बचाने के लिए टोपी का इस्तेमाल करें. बालों को अच्छी तरह बांध लें ताकि रंग बालों की जड़ में जाकर शरीर को नुकसान न पहुंचाएं.


- होली खेलते समय चश्मे के जरिए आंखों को रंगों से बचाना बेहद आवश्यक है. 


- कांटेक्ट लेंस पहनकर होली नहीं खेलना चाहिए.


- होली पर्व पर आंखों पर हाथ लगाने से पहले हाथों को अच्छी तरह धो लेना चाहिए.


- होली खेलने के बाद आंखों और शरीर को कुछ देर के लिए आराम देना चाहिए. 


- होली के दौरान या बाद में स्वास्थ्य संबंधी थोड़ी सी भी दिक्कत हो तो चिकित्सक से परामर्श लें.


- छोटे बच्चे खासतौर पर सिंथेटिक रंग का इस्तेमाल न करें.


- रसायन युक्त रंग की जगह हर्बल या अच्छी गुणवत्ता के रंगों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए.


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