भगवान महाकाल के दरबार में भस्म आरती के दौरान भक्त और भगवान के बीच फूलों की होली खेली गई.इस अद्भुत नजारे को वर्ष भर में एक ही बार देखा जाता है.इस बार महाकालेश्वर मंदिर समिति और श्रद्धालुओं के साथ पंडित व पुरोहितों ने 40 क्विंटल फूल मंगाए थे.भक्त भगवान के साथ होली खेलकर धन्य हो गए.


40 क्विंटल फूल मंगाए गए थे


द्वादश ज्योतिर्लिंगों में तीसरे नंबर पर दक्षिण मुखी ज्योतिर्लिंग भगवान महाकालेश्वर का नाम आता है.दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर के दरबार में ऐसी परंपराएं हैं जो अपने आप में अद्भुत हैं.भगवान महाकाल के दरबार से ही हर त्यौहार की शुरुआत होती है.राजाधिराज भगवान महाकाल के दरबार में सोमवार की सुबह भस्म आरती के दौरान फूलों की होली खेली गई.


महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी दिलीप गुरु ने बताया कि हर बार एक क्विंटल फूलों से होली खेली जाती रही है, लेकिन इस बार भक्तों का उत्साह देखते हुए महाकालेश्वर मंदिर समिति पंडित और पुरोहित और श्रद्धालुओं की ओर से 40 क्विंटल फूलों की होली खेली गई.यह परंपरा केवल महाकालेश्वर मंदिर में ही देखने को मिलती है.भक्त और भगवान के बीच आधे घंटे तक होली खेली गई.भस्म आरती में दर्शन करने आए श्रद्धालु होली खेल कर अभिभूत हो गए.






भगवान महाकाल का श्रृंगार 


फूलों की होली के पहले भगवान महाकाल का अद्भुत श्रृंगार किया गया.भगवान महाकाल को दूध,दही और फलों के रस से स्नान कराया गया.इसके बाद भगवान महाकाल का भांग,सूखे मेवे से श्रृंगार हुआ. इसके बाद भव्य भस्म आरती हुई.भस्म आरती में शामिल होने आई दिल्ली की कविता सिंह ने बताया कि उन्हें मंदिर की भस्म आरती में शामिल होने की अनुमति नहीं मिल पाई थी, लेकिन बड़ी स्क्रीन पर जब भक्त और भगवान के बीच उन्होंने होली देखी तो उन्हें भी अद्भुत आनंद की अनुभूति हुई.भगवान महाकाल के दरबार की परंपराएं अनूठी ही नहीं बल्कि भक्तों को आकर्षित करने वाली हैं.


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