Holi 2023 Date: इंदौर के राजवाड़ा पर होलकर राजघराने के परिवार की ओर से सरकारी विधि विधान के साथ होलिका दहन (Holika Dahan) किया गया. इस कार्यक्रम में क्षेत्रीय विधायक आकाश विजयवर्गीय (Akash Vijayvargiya) सहित होलकर राजघराने के परिवार के सदस्य मौजूद रहे. सरकारी होली को देखने और पूजन के लिए शहरभर से हजारों की संख्या में लोग राजवाड़ा पहुंचे थे.
इंदौर में सोमवार शाम अचानक मौसम ने करवट ली. इसके साथ ही बढ़ती हुई गर्मी में तेज हवाओं ने ठंडक घोल दी और शाम होते-होते हवाओं ने तेजी पकड़ ली, जिसके चलते आंधी और तूफान जैसी हवा के बीच 295 साल से चली आ रही परंपरा निभाई गई. इस दौरान सरकारी होली का दहन शाम 7 बजे राजवाड़ा पर सम्पन्न हुआ. इसके बाद शहरभर में होलिका दहन का सिलसिला शुरू हुआ, जो इस बार दो दिन तक चलेगा. सरकारी होली को देखने और पूजन के लिए शहरभर से हजारों की संख्या में लोग राजवाड़ा पहुंचे थे. इस दौरान गेहूं की बालियां सेक कर सुख-समृद्धि की कामना की गई.
महाराज रिचर्ड ने किया होलिका दहन
होलकर राजघराने के पंडित लीलाधर वारकर ने बताया कि इस बार होलकर परिवार के सदस्य रिचर्ड (शिवराजीराव) होलकर के हाथों होलिका दहन किया गया. राजवाड़ा पर सरकारी होलिका दहन की परंपरा कई सालों पुरानी है, जो अब भी जारी है. इस साल भी इस परंपरा का निर्वहन किया गया. परंपरा के अनुसार होलकर राजवंश के महाराज ने होलिका का पूजन और फिर होलिका दहन किया. इसके बाद उन्होंने मल्हारी मार्तंड मंदिर में भगवान का पूजन-अर्चन कर चांदी की पिचकारी से देवी अहिल्या बाई होलकर की गादी पर रंग गुलाल डाला.
300 साल पुरानी है ये परंपरा
पहले 5 दिन तक यह त्यौहार मनाया जाता रहा है. पहले राजवाड़ा के आसपास के पूरे क्षेत्र को गुलाब जल से धोया जाता था. राज परिवार के लोग बग्घी में बैठकर आया करते थे और विधि विधान से होलिका पूजन किया जाता था. इसकी शुरुआत करीब 300 साल पूर्व मल्हार राव होलकर के समय से हुई थी. इसे देवी अहिल्या बाई होलकर ने आगे बढ़ाया, जो अब तक जारी है.
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