Holi 2023: खजराना गणेश मंदिर में कब होगा होलिका दहन, यहां पढ़ें पुजारी ने क्या कहा?
Holika Dahan Time: राजबाड़ा पर और खजराना गणेश मंदिर सहित शहर के अन्य मंदिरों में भी सोमवार रात को ही होलिका दहन किया जाएगा जबकि मोहल्ले, कॉलोनी और दूसरे सार्वजनिक मंचों से होलिका दहन 7 मार्च की शाम होगा.
Holika Dahan 2023: इंदौर शहर के प्रथम पूजनीय खजराना गणेश मंदिर (Khajrana Ganesh Temple) और शहर के मुख्य राजबाड़ा (Rajwada) स्थल पर होलिका पूजन सोमवार (6 मार्च) शाम को किया गया जबकि शहर के अन्य स्थानों पर मंगलवार (7 मार्च) होलिका दहन (Holika Dahan) होगा. वहीं, धुलंडी होली 8 मार्च को ही मनाई जाएगी. शास्त्रों के हिसाब से सोमवार को होलिका का पूजन होगा और अलसुबह 4:00 बजे होली दहन किया जाएगा जिसके हिसाब से मंगलवार धुलेंडी मनाई जाएगी.
शहर के सभी मंदिरों में आज ही होलिका दहन
दरअसल इंदौर में सरकारी होली का दहन ह्रदय स्थल राजबाड़ा पर और खजराना गणेश मंदिर सहित अन्य मंदिरों में भी सोमवार रात को ही होलिका दहन किया जाएगा जबकि मोहल्ले, कॉलोनी और दूसरे सार्वजनिक मंचों से होलिका दहन 7 मार्च की को हुआ. दोनों स्थिति में इंदौर शहर में रंग 8 मार्च बुधवार को खेला जाएगा.
आज ही क्यों हो रहा इंदौर में होलिका दहन
खजराना गणेश मंदिर के पुजारी विनीत भट्ट के अनुसार होलिका दहन रात 8 बजे किया गया और 7 मार्च को धुलेंडी मनाई जाएगी. ज्योतिषियों का मत है कि 6 मार्च को सायं 4:16 तक चतुर्दशी रहेगी. इसके बाद पूर्णमासी लगेगी जो 7 मार्च को सायं 6:06 तक रहेगी क्योंकि हमेशा होलिका दहन रात्रि और प्रदोष काल में होता है. इसलिए जब 7 मार्च को 6:06 पर पूर्णिमा समाप्त हो जाती है तो होलिका दहन का औचित्य नहीं रह जाता और यही पंचांगों का मत भी है.
कई कैलेंडर में 8 मार्च को धुलेंडी मनाने का लिखा है. जो कि शास्त्र सम्मत नहीं है. यह जरूर है कि प्रदोष काल में होलिका दहन होता है और उस समय भद्रा रहेगी लेकिन प्रदोष काल में यदि हम होलिका दहन कर लेते हैं तो प्रदोष सभी दोषों को दूर करने वाला होता है. इसका कोई दोष नहीं लगता है इसलिए होलिका दहन 6 मार्च को करना उपयुक्त माना है. यही कारण है सभी मंदिरों में 6 मार्च को ही होली का दहन किया जा रहा है.
होलिका दहन को लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार
गौरतलब है कि हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होली जलाई जाती है जिसके अगले दिन धुलंडी के अवसर पर रंग खेला जाता है. वहीं, इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन तक रहेगी और साथ में अशुभ भद्रा काल भी रहेगा. इसी कारण किसी पंचांग में होलिका दहन 6 तो किसी में 7 मार्च को बताया गया है जिसके चलते होलिका दहन को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
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