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Tourism in MP: नमर्दा के किनारे 100 गावों में बन रहे हैं होमस्टे, पर्यटकों को रोटी-चटनी के साथ खाने को मिलेंगे ये व्यंजन
MP News: मध्य प्रदेश की विरासत को और जमीनी साझी संस्कृति को देश-दुनिया के लोगों तक पहुंचाने के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म नर्मदा किनारे के 100 गांवों में होमस्टे का निर्माण किया जा रहा है.
![Tourism in MP: नमर्दा के किनारे 100 गावों में बन रहे हैं होमस्टे, पर्यटकों को रोटी-चटनी के साथ खाने को मिलेंगे ये व्यंजन Home stays are being built in 100 villages on banks of Narmada in Madhya Pradesh ANN Tourism in MP: नमर्दा के किनारे 100 गावों में बन रहे हैं होमस्टे, पर्यटकों को रोटी-चटनी के साथ खाने को मिलेंगे ये व्यंजन](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/04/09/47f3675883c4e7326aa0faea53871e7b1681027093133271_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Heritage of MP: मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी को मध्य प्रदेश में अत्यंत आत्मीयता और सम्मान के साथ पूजा जाता रहा है.मध्य प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहर एवं विरासत की मूलाधार मां नर्मदा को ही माना जाता है. इस विरासत को और जमीनी साझी संस्कृति को लोगों तक पहुंचाने के लिए मध्य प्रदेश टूरिज्म नर्मदा किनारे के गांवों में होमस्टे का निर्माण कर रहा है. प्रदेश के 100 गांव का चयन होम स्टे के लिए किया गया है. इन होम स्टे में आने वाले पर्यटकों को खाने के लिए रोटी-चटनी जैसा स्थानीय खाना भी दिया जाएगा.
कहां कहां बन रहे हैं हमो स्टे
हंडिया में, जो कि नर्मदांचल हरदा के अंतर्गत आता है,होमस्टे का निर्माण कार्य चल रहा है. इसके अलावा मंडलेश्वर, बजवाड़ा सहित कई गांवों में इस प्रकार के होमस्टे बनाए जाएंगे. इन होम स्टे में देश-विदेश से आने वाले सैलानी आत्मीयता और देसी संस्कृति का अनुकरण कर सकेंगे.देश-दुनिया की चकाचौंध से दूर ये होमस्टे बिना किसी अतिरिक्त संसाधन के सुलभ जीवन शैली का आनंद प्रदान करेंगे.
इन होमस्टे के निर्माण का मुख्य उद्देश्य पर्यटन के साथ-साथ देसी संस्कृति,अध्यात्म कला और प्राकृतिक धरोहरों को सहेजना तथा आम लोगों तक पहुंचाना है. इस दौरान पर्यटकों को स्थानीय स्तर की चूल्हे की रोटी,सब्जी और चटनी तथा और स्थानीय व्यंजन भी परोसे जाएंगे.होमस्टे का निर्माण इस प्रकार किया जा रहा है कि वह देसी परंपरागत विधि से बना हुआ ही प्रतीत हो. इसीलिए ऊपर के हिस्सों में पूरी जुड़ाई चूने से करवाई जा रही है. इसके साथ ही इन होमस्टे में एसी, फ्रिज के स्थान पर देसी वेंटिलेशन तकनीक और मटके का ही उपयोग किया जाएगा.
ग्राम पंचायतों को कितना सहायता दे रही है सरकार
इस संबंध में जब एबीपी संवाददाता ने मध्य प्रदेश टूरिज्म से संपर्क साधा तो पता चला कि होमस्टे बनाने के लिए ग्राम पंचायतों को दो लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जा रही है. इसके तहत 700-800 वर्ग फीट में होमस्टे का निर्माण कराया जाएगा. इससे ग्राम पंचायतों में नवीन रोजगार और व्यवसाय के अवसर भी बढ़ेंगे.जब छोटे-छोटे गांवों में होमस्टे के लिए पर्यटक बाहर से आएंगे तो स्वतः ही ग्रामीण व्यवसाय उन्नत होगा.
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