Mahakaleshwar Temple Corridor: महाकाल लोक ने कैसे लिया आकार, शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने देखा था सपना
Mahakaleshwar Temple: नरेंद्र मोदी के 2014 में पीएम बनने के बाद सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों और उनकी विरासत सहेजने का काम शुरू हुआ. शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 2016 में महाकाल परिसर की कल्पना की.
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Ujjain News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के उज्जैन (Ujjain) में महाकाल परिसर में बने महाकाल लोक का लोकार्पण करने वाले हैं. मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की इस महत्वाकांक्षी परियोजना करीब दो साल में बनकर तैयार हुई है. महाकाल कॉरिडोर को श्री महाकाल लोक के नाम से प्रतिस्थापित किया गया है. इसके निर्माण पर करीब 856 करोड़ की लागत आई है. आइए जानते हैं कि इसके निर्माण की कल्पना कैसे की गई.
नरेंद्र मोदी युग की शुरुआत
नरेंद्र मोदी के 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों और उनकी विरासत को सहेजने का काम शुरू हुआ. इसी दिशा में कदम उठाते हुए शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने 2016 में आयोजित सिंहस्थ के समय महाकाल परिसर के विस्तार की कल्पना की. साल 2017-18 में इस महाकाल परिसर के विस्तार का डीपीआर तैयार हुआ. मध्य प्रदेश में 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के ठीक पहले महाकाल परिसर के विकास के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई. लेकिन चुनाव के बाद शिवराज सिंह चौहान की सरकार नहीं बन पाई.
साल 2020 में शिवराज सिंह चौहान की सत्ता में वापसी के बाद श्री महाकाल लोक के काम की समीक्षा के बाद इसमें तेजी लाई गई. इसके बाद से लगातार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन के दौरे करने शुरू किए और काम में तेजी आती गई. इसका नतीजा यह रहा कि दो साल में श्री महाकाल लोक बनकर तैयार हो गया.यहां कि दीवारों पर शिवपुराण से ली गई कथाओं को उकेरा गया है. पत्थरों के जरिए भोलेनाथ के विवाह को दिखाया गया है.
कारिगरों की मेहनत
हजारों कारिगरों ने कड़ी मेहनत और लगन के बाद महाकाल लोक में लगे पत्थरों को तराश कर महाकाल का ऐसा भव्य परिसर तैयार किया है, जिसे आंखें बस निहारती ही रह जाएंगी. यहां भगवान शिव, शक्ति और धार्मिक घटनाओं से जुड़ी करीब 200 मूर्तियां स्थापित की गई हैं. महाकाल लोकर परिसर को घूमने में पांच-छह घंटे का समय लगेगा. इस दौरान हजारों सालों के धर्म इतिहास जीवित हो उठेगा.
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