Miraj Sukhoi Crash: प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया, तेज धमाके के साथ आसमान में दिखा ऐसा खौफनाक नजारा
Miraj Sukhoi Crash Today: एमपी के मुरैना में लड़ाकू विमान दुर्घटना के चश्मदीदों ने बताया कि उन्होंने एक तेज धमाके की आवाज सुनी. इसके बाद जब आसमान में देखा तो आग के गोले जमीन पर गिरते हुए दिखाई दिए.
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Miraj Sukhoi News: मध्य प्रदेश के मुरैना में शनिवार को भारतीय वायु सेना के दो लड़ाकू विमानों के दुर्घटनाग्रस्त होने की दुखद घटना सामने आई. इस बीच घटना के प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने एक तेज धमाके की आवाज सुनी. इसके बाद जब आसमान में देखा तो आग के गोले जमीन पर गिरते हुए दिखाई दिए. इसके बाद पास की झाड़ियों में पैराशूट से दो पायलट को उतरते देखा. दोनों लड़ाकू विमानों ने भारतीय वायुसेना के एयरबेस ग्वालियर हवाई अड्डे से उड़ान भरी थी.
मध्य प्रदेश और राजस्थान में गिरा मलबा
गौरतलब है कि भारतीय वायुसेना के दो लड़ाकू विमान (एक सुखोई एमकेआई और एक मिराज-2000) सुबह एक नियमित प्रशिक्षण उड़ान के दौरान मध्यप्रदेश के मुरैना जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गए, जिसमें एक पायलट की मौत हो गई, जबकि दो अन्य पायलट घायल हो गए. दोनों विमानों का मलबा मुरैना जिले के पहाड़गढ़ इलाके में गिरा. मलबे का कुछ हिस्सा राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र में भी गिरने की खबर है. दरअसल, राजस्थान का यह इलाका मध्यप्रदेश की सीमा से लगा हुआ है.
दोनों पायलटों को लोगों ने झाड़ियों से निकाला
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि घटनास्थल पर एकत्र हुए लोगों ने दोनों पायलटों को झाड़ियों से बाहर निकाला और उन्हें जमीन पर लिटाया. इसके कुछ देर बाद वायुसेना का हेलीकॉप्टर आया और दोनों पायलटों को इलाज के लिए ग्वालियर ले जाया गया. उन्होंने कहा कि पहाड़गढ़ गांव से करीब चार किलोमीटर दूर 500 से 800 मीटर के क्षेत्र में दोनों विमानों का मलबा बिखरा हुआ था और उसमें आग लगी हुई थी.
लोगों ने मिट्टी डालकर बुझाई आग
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि आसपास के लोगों ने मिट्टी फेंक कर दोनों विमानों में लगी आग को बुझाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि घटनास्थल पर जल्द ही आसपास के 15 गांवों के 1,500 से अधिक लोग आ गए. घटनास्थल पर मौजूद पहाड़गढ़ के सरपंच शैलेंद्र शाक्य ने बताया कि मैं कुछ लोगों के साथ खड़ा था. तभी हमने बम विस्फोट की जैसी तेज आवाज सुनी. इसके बाद आसमान में आग की लपटें देखीं और आग के गोले गिरते देखे.
इसके बाद एक विमान पहाड़गढ़ के जंगल इलाके में गिरते देखा और दूसरा विमान भरतपुर इलाके में. उन्होंने कहा कि इसी बीच, हमने दो पैराशूट नीचे आते देखे और हमने 15-20 मिनट तक दोनों के उतरने का इंतजार किया. इनमें दो लोग वर्दी में थे, जो झाड़ियों में गिर गए और घायल हो गए. हमने उन्हें झाड़ियों से बाहर निकाला और जमीन पर लेटा दिया. हमने दोनों पायलटों से बात भी की. इसके बाद वायुसेना का एक हेलीकॉप्टर आया और उन्हें ग्वालियर ले गया.
एक पायलट का क्षत-विक्षत शव दिखा
उन्होंने दावा किया कि मलबे के पास एक क्षत-विक्षत शव भी मिला है. स्थानीय एवं वायु सेना के अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और तलाशी अभियान शुरू किया. वहीं, पहाड़गढ़ निवासी वीरू ने कहा कि वह सुबह करीब 10:30 बजे उस स्थान के करीब थे, जहां यह विमान हादसा हुआ था. उन्होंने कहा कि मैंने एक विमान के सामने वाले भाग को आग की लपटों में देखा. उसने बताया कि इसके बाद मैंने थोड़ी दूर एक जगह से धुआं उठते देखा.
हमने मिट्टी से आग बुझाने की कोशिश की, क्योंकि उस समय हमारे पास वहां पर पानी नहीं था. उन्होंने दावा किया कि सरपंच शाक्य ने घटना के बाद पुलिस और दमकल विभाग को फोन किया.
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