MP News: IAS नियाज खान की किताब 'ब्राम्हण द ग्रेट' सुर्खियों में, काशी से हिन्दी वर्जन 'महान ब्राह्मण' होगी लॉन्च
IAS Niyaz Khan: आईएएस नियाज खान को ब्राम्हण द ग्रेट पुस्तक के लिए सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है. चार महीने में महान ब्राम्हण नाम से यह किताब हिंदी में भी पब्लिश होगी.
IAS Niyaz Khan Book: मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस नियाज खान की ब्राम्हणों का यशगान करते हुए लिखी पुस्तक ब्राम्हण द ग्रेट 10 दिन में बाजार में आ जाएगी. अभी यह बुक अंग्रेजी में है, लेकिन नियाज खान ने दावा किया है कि चार महीने में महान ब्राम्हण नाम से यह किताब हिंदी में भी पब्लिश होगी. नियाज खान अभी से महान ब्राम्हण का विमोचन पवित्र नगरी काशी में कराने की तैयारी में है.
मध्य प्रदेश के चर्चित आईएएस नियाज खान को ब्राम्हण द ग्रेट पुस्तक के लिए सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया जा रहा है. उन्होंने ट्रोलर्स को जवाब देते हुए ट्वीटर पर लिखा है कि लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि मैंने ब्राम्हण द ग्रेट क्यों लिखा? मैंने कहा कि ब्राह्मण बहादुरी का नाम है, ब्राह्मण दयालुता और ईमानदारी का नाम है, ब्राह्मण एक प्रतिभा का नाम है, ब्राह्मण बलिदान का नाम है. उन्होंने आगे कहा कि ब्राह्मण देशभक्त का नाम है, ब्राह्मण सहनशीलता का नाम है, ब्राह्मण संस्कृति और धर्म का रक्षक है.
IAS नियाज खान ने क्या कहा?
आईएएस नियाज खान ने जानकारी दी है कि 10 दिनों में किताब अमेजन और ईबुक अमेजन किंडल पर भी उपलब्ध होगी. उन्हें उम्मीद है कि यह पुस्तक उन ब्राह्मणों के बारे में वर्तमान सोच को बदल देगी, जिनकी इस देश में महान उत्पत्ति और उच्च कोटि का बुद्धि कौशल है. उन्होंने आगे लिखा कि यह पुस्तक प्यार का प्रसार करेगी. साथ ही आधुनिक ब्राह्मणों के व्यवहार को भी बदल देगी, जो आधुनिकीकरण और भौतिकवाद से पीड़ित हैं.
वहीं, ट्विटर नियाज खान की पुस्तक पर तंज कसते हुए ट्रोलर अमीर हमजा कुरेशी ने लिखा है कि अभी भी तो देश भर के हर विभाग, संस्था, सड़क से संसद तक ब्राह्मण ही उच्च स्थान पर बैठे है. अग्निबाण नाम के एक ट्विटर हैंडलर ने लिखा है कि अब जातिवादी पत्रकार आपको भूतपूर्व ब्राह्मण कहने लगेंगे. बता दें कि आईएएस अधिकारी नियाज खान पहले भी विवादों में घिरे रहे हैं. वे फिल्म द कश्मीर फाइल्स की रिलीज के समय उसके निदेशक विवेक अग्निहोत्री के साथ ट्विटर पर आरोप-प्रत्यारोप से चर्चा में आये थे. इस मामले में विवाद इतना बढ़ गया था कि प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने भी नियाजी को नसीहत देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया था.
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