MP IAS Shailbala Martin: मध्य प्रदेश की राजनीति में लाउडस्पीकर का मामला एक बार फिर से गरमा गया है. इस बार एक आईएएस द्वारा उठाए गए मामले से सियासत गरमाई है. आईएएस अफसर शैलबाला मार्टिन के बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि आपत्ति है तो प्रमाण दें. मंदिर को टारगेट कर वह क्या बताना चाहती हैं?


आईएएस शैलबाला मार्टिन ने सवाल उठाया कि क्या मंदिरों पर लगे लाउडस्पीकर, जो आधी-आधी रात तक बजते हैं, उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता? 

 

आईएएस के बयान के बाद कांग्रेस ने सरकार पर सवाल उठाए. कांग्रेस ने कहा कि सरकार लाउडस्पीकर पर एकतरफा कार्रवाई नहीं करती तो आज एक महिला आईएएस को ट्वीट नहीं करना पड़ा.



सोशल मीडिया पर यह लिखा
एक पत्रकार ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट की थी, जिसमें लिखा कि मस्जिद में लाउडस्पीकर होते हैं तो बीजेपी से परेशानी क्यों? मस्जिद से लाउडस्पीकर हट जाए तो क्या मस्जिदों के बाहर डीजे और नारेबाजी बंद हो जाएगी. इसके जवाब में आईएएस शैलबाला मार्टिन ने लिखा कि और मंदिरों में लगे लाउडस्पीकर, जो कई कई गलियों में दूर तक स्पीकर के माध्यम से ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं, जो आधी-आधी रात तक बजते हैं उनसे किसी को डिस्टरबेंस नहीं होता.

पत्रकार ने लिखा कि चार इमली में जहां मंत्री और पुलिस कमिश्नर रहते हैं, बहुत तेज आवाज में डीजे के साथ झांकियां निकलीं पर कोई रोक टोक नहीं थी. इधर आईएएस अफसर शैलबाला मार्टिन ने सोमवार को फिर से पोस्ट करते हुए सीएम का हवाला देते हुए कहा कि धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हट जाएं और डीजे बंद हो जाए तो बड़ी राहत होगी.

गरमाई सियासत
आईएएस अफसर के इस बयान के बाद राजनीति गरमा गई और बीजेपी-कांग्रेस आमने सामने आ गई. कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि एक सीनियर आईएएस के बयान पर सरकार को चिंतन मनन करना चाहिए. बीजेपी सरकार में धर्म देखकर कार्रवाई क्यों कर रही है. सरकार को आज अपनी गलती का एहसास होना चाहिए.

इसपर बीजेपी प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि मंदिर को टारगेट कर वह क्या बताना चाहती हैं? एक आईएएस की भी जिम्मेदारी है कि कानून का पालन करवाएं. क्या वह नहीं करवा पा रही हैं? सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लिए किया गया है.