Madhya Pradesh News: भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) में अब हिंदी में भी मैनेजमेंट और लीडरशिप का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसकी शुरुआत संस्थान ने अपने पहले हिन्दी भाषा के नेतृत्व विकास कार्यक्रम से करने जा रहा है, जो हिंदी में पढाया जाएगा. इस पाठ्यक्रम की पहली बैच के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है.
दरअसल, आईआईएम ने अपने स्थापना दिवस तीन अक्टूबर को यह निर्णय लिया है. कौशल की कमी को एक प्रमुख चुनौती मानते हुए आईआईएम ने सभी के लिए शिक्षा को सुलभ बनाकर बदलाव लाने के लिए यह पहल की है. इस पहले हिंदी भाषा पाठ्यक्रम का उद्देश्य रूढ़िवादिता को तोड़ना और अधिक समावेशी शिक्षण वातावरण को बढावा देना है. इस पहल का मकसद अलग-अलग तरह के व्यक्तियों की जरूरतों को पूरा करना, भाषाई बाधाओं का समाधान करना और पेशेवर विकास के लिए अधिक समावेशी और समग्र दृष्टिकोण को बढावा देना है.
जनवरी 2024 से शुरू होगा पाठ्यक्रम
सूत्रों के मुताबिक, मैनेजमेंट (प्रबंधन) और लीडरशिप (नेतृत्व) का हिन्दी पाठ्यक्रम जनवरी 2024 से शुरू होगा. इसमें प्रतिभागियों को विभिन्न व्यावसायिक कार्यों की व्यापकता समझाने के लिए तैयार किया गया है. इसमें लीडरशिप, मार्केटिंग मैनेजमेंट, फाइनेंशियल अकाउंटिंग, एचआर मैनेजमेंट, ऑपरेशन मैनेजमेंट, डिजिटल एप्लीकेशन फॉर बिजनेस, प्रोडक्ट स्ट्रैटेजी और सप्लाई चेन पर चर्चा की जाएगी.
'हिंदी में एमबीबीएस पर हो चुका फैसला'
एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट अब हिन्दी पुस्तकों से पढ़ाई करेंगे. गुरुवार को हमीदिया अस्पताल के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने एमबीबीएस फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट्स को फ्री में बुक्स बांटीं. इस दौरान मंत्री विश्वास सारंग ने विद्यार्थियों से संवाद भी किया. साथ ही मीडिया से बात करते हुए मंत्री सारंग ने कहा कि हिंदी में एमबीबीएस 2.0 की भी शुरुआत हो चुकी है. इसके तहत सितंबर माह तक एमबीबीएस सेकंड, थर्ड और फोर्थ ईयर की भी हिंदी सिलेबस तैयार हो जाएगा.
'प्रयास से ही मिलती है सफलता'
वहीं हमीदिया अस्पताल के सभागार में आयोजित राज्य स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मातृभाषा हिंदी को बढ़ावा देने के लिए मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करने की बात कही थी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यही बात दोहराई थी.
उन्होंने कहा कि 14 सितंबर 2021 को हमने हिंदी में भी मेडिकल की पढ़ाई प्रारंभ करने का संकल्प लिया था. इस पर कई लोगों ने कहा था कि मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में प्रारंभ करना नामुमकिन है, परंतु इसे एक चुनौती मानकर युद्धस्तर पर कार्य किया. मंत्री विश्वास सारंग ने इस कार्य में जुटे प्रत्येक व्यक्ति की सराहना करते हुए कहा कि प्रयास से ही सफलता मिलती है, हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई इसका अमिट उदाहरण, जिससे हिंदी माध्यम के चिकित्सा विद्यार्थियों की राह अब आसान होगी.
ये भी पढ़ें