IIT इंदौर का कमाल, ऐसी टेक्नोलॉजी बनाई कि इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों में नहीं होगा ब्लास्ट!
Indore News: आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा कि नोवेल फेज-चेंज कंपोजिट तकनीक से ईवी इंडस्ट्री का चेहरा बदल सकता है. इससे ईवी ज्यादा सस्ते होंगे और ज्यादा लोगों तक पहुंचेंगे.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में आईआईटी इंदौर ने एक नया टेक्नोलॉजी विकसित किया है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बैटरियों को ज्यादा सुरक्षित और लंबे समय तक चलने वाला बना सकती है. इस टेक्नोलॉजी का नाम नोवेल फेज-चेंज कंपोजिट (NPCC) है. इसे आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर संतोष कुमार साहू ने तैयार किया है.
इसकी खासियत क्या है?
जब लिथियम-आयन बैटरियां गर्म हो जाती हैं, तो वे खतरनाक हो सकती हैं. इससे बैटरी में थर्मल रनअवे जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिससे बड़े हादसे हो सकते हैं, लेकिन इस नए कंपोजिट की मदद से बैटरियां हमेशा ठंडी रहेंगी. यह बैटरियों के तापमान को नियंत्रण में रखता है, जिससे उनकी लाइफ और परफॉर्मेंस बढ़ जाती है.
NPCC कैसे काम करता है?
नोवेल फेज-चेंज कंपोजिट बैटरियों को गर्म होने से बचाता है. यह खास कंपोजिट बैटरी के अंदर की गर्मी को जल्दी से बाहर निकालता है और उसे ठंडा रखता है. इससे बैटरी ज्यादा देर तक चलती है और जल्दी खराब नहीं होती है. यह कंपोजिट बनाने में सस्ता और हल्का है. साथ ही इसमें पारंपरिक सिस्टम की तरह पाइप और पंप की जरूरत नहीं होती यानी यह ज्यादा सिंपल और मेंटेनेंस-फ्री है.
क्या फायदा होगा?
अगर यह तकनीक हर जगह इस्तेमाल होनी लगे तो इससे बैटरियों की लाइफ बढ़ जाएगी और कंपनियों को बार-बार बैटरियां बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. साथ ही पर्यावरण पर भी अच्छा असर पड़ेगा, क्योंकि ज्यादा समय तक चलने वाली बैटरियों से कच्चे माल की खपत कम होगी.
एक्सपर्ट्स ने क्या कहा?
आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा कि इस तकनीक से ईवी इंडस्ट्री का चेहरा बदल सकता है. ये बैटरियों को ज्यादा सुरक्षित बनाएगा और ऑपरेशन की लागत भी कम करेगा. इससे ईवी ज्यादा सस्ते होंगे और ज्यादा लोगों तक पहुंचेंगे.
अब यह तकनीक सिंपल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बैंगलोर में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में इस्तेमाल होने जा रही है. इस नई टेक्नोलॉजी से ईवी और भी बेहतर बनेंगे, बैटरियां ज्यादा सुरक्षित रहेंगी और ये पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद साबित होगा.