Indore IIT News Today: मध्य प्रदेश में स्थित आईआईटी इंदौर हमेशा अपने नवाचारों के लिए सुर्खियों में रहा है. आईआईटी इंदौर के छात्रों और शिक्षकों के जरिए बनाया गया एक ड्रोन चर्चा का विषय बना हुआ है. इस ड्रोन की विशेषता यह है कि ये बुनियादी ढांचों की निगरानी में मदद करता है. 


इस ड्रोन से सड़क, रेलवे ट्रैक और पहाड़ी क्षेत्र में लैंड स्लाइड से होने वाले जन धन के हानि को रोकने में मदद मिलेगी. यह ड्रोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) का इस्तेमाल करता है, जिससे दूर-दराज के इलाकों में आई दरारों और खामियों को जल्दी और सटीक ढंग से देखा जा सकता है.


ड्रोन खुद ही डेटा करता है प्रोसेस
आईआईटी इंदौर प्रोफेसर और शोध छात्र के जरिये बनाया गया यह ड्रोन खास कैमरा और रडार सेंसर्स से लैस है, जो ढांचे में किसी भी समस्या की पहचान करने में सक्षम हैं. इस नवाचार की सबसे खास बात यह है कि ये ड्रोन खुद ही डेटा को प्रोसेस करता है, जिससे तुरंत जानकारी मिल जाती है और आंकलन करने में आसानी होती है.


इन तीन का प्रोजेक्ट में है अहम योगदान
इस प्रोजेक्ट की अगुआई आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर अभिरूप दत्ता, कुमार शेषांक शेखर और पीएचडी छात्र हर्षा अविनाश टांती कर रहे हैं. यह ड्रोन 98.7 फीसदी की सटीकता से दरारें पहचानता है और सिर्फ 25 मिलीसेकंड में डेटा प्रोसेस करता है. जिससे समय रहते उपाय जनधन के नुकसान को रोकने में सहायता मिलेगी.


बुनियादी ढांचे की जांच में बड़ा कदम
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने इन नवाचार को लेकर बताया कि यह तकनीक बुनियादी ढांचे की जांच में एक बड़ा कदम है. उन्होंने बताया कि इसमें भविष्य में और भी सुधार हो सकते हैं.


ड्रोन के फायदे?
इस ड्रोन के इस्तेमाल से इमारतों, सड़कों में क्रेक और हाई-टेंशन तारों में तकनीकी खराबी की वजह से पैदा हुए खतरों को पता लगाने में मदद मिलेगी. यह नवाचार बहुत कम समय में खतरों को पहचान कर सूचित कर देगा. इससे रखरखाव और मरम्मत से जुड़े कामों में समय और लागत को कम करने में मदद मिलेगी. 


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