MP News: मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिले के राघोपुर गांव में एक बुजुर्ग को सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया गया है. जिसके कारण बुजुर्ग व्यक्ति को किसी भी सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. हैरान करने वाली बात यह है कि खुद को जिंदा साबित करने के लिए बुजुर्ग कई दिनों से सरकारी दफ्तरों के चक्कर लगा रहा है लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही उजागर होने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों ने उसकी सुध नहीं ली है.


क्या है पूरा मामला
यह घटना मेहंदवानी विकासखंड के राघोपुर ग्राम पंचायत की है. जहाँ 76 वर्षीय सोन सिंह को पंचायत के जिम्मेदारों ने 27 फरवरी 2020 यानि 22 महीने पहले सरकारी दस्तावेजों में मृत घोषित कर दिया. जिसका खुलासा तब हुआ जब सोन सिंह को वृद्धा पेंशन की राशि समेत तमाम सरकारी योजनाओं का लाभ मिलना बंद हो गया. पीड़ित बुजुर्ग सोन सिंह का कहना है कि खुद को जिंदा साबित करने वह पिछले कई दिनों से ग्रामपंचायत के चक्कर लगा रहा है और फिर जब पंचायत के सचिव ने उसकी बात नही सुनी तब उसने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी से मामले की शिकायत की है.


एक नाम के तीन व्यक्ति रहने से हुई गलती
जीवित बुजुर्ग के मृत घोषित होने के मामले में पंचायत सचिव का कहना है कि गांव में सोन सिंह नाम के तीन व्यक्ति थे. जिसमें किसी दूसरे सोन सिंह की मृत्यु हो चुकी है लेकिन सरकारी दस्तावेजों में गलती से जीवित सोन सिंह का नाम काट दिया गया है लेकिन इतनी बड़ी लापरवाही के 22 महीने गुजर जाने के बाद भी रिकार्ड दुरुस्त न करना तरह तरह के सवाल खड़े करता है. वहीं जनपद पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी चेतना पाटिल ने मामले को गंभीरता से लेते हुये जल्द रिकार्ड सुधार कराने व लापरवाह कर्मचारी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही का भरोसा जताया है.


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