मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के रामनगर गधाई गांव में एक सड़क पर बन रही पुलिया को लेकर पुलिस और ग्रामीणों के बीच विवाद हो गया. दरअसल ग्रामीण पुलिया पर पाइप डालने का विरोध कर रहे थे. बात बिगड़ने पर पुलिस को खबर दी गई. इस प्रदर्शन के दौरान एक डेढ़ साल के बच्चे की मौत हो गई और तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए.


ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस के लाठीचार्ज में बच्चे की मौत हुई है. जबकि पुलिस कह रही है कि गांव वालों ने उन पर पत्थर चलाए, उनकी तरफ से लाठीचार्ज नहीं किया गया.


क्या था मामला -


करैरा पुलिस थाना प्रभारी अमित सिंह भदौरिया ने बताया कि करैरा के ग्राम गधाई में एक सड़क का निर्माण चल रहा है. इसी के चलते कल ग्रामीणों और सड़क निर्माण कर रही कंपनी में एक पुलिया पर पाईप लाईन को लेकर विवाद हो गया. इसे लेकर निर्माण कंपनी के ठेकेदार ने एसडीएम को आवेदन किया.


उन्होंने बताया कि इसके बाद मौके पर पुलिस बल भेजा गया तो वहां के कुछ ग्रामीणों ने पुलिस पर ही पथराव शुरू कर दिया, जिससे पुलिस उपनिरीक्षक राघवेन्द्र यादव और दो अन्य पुलिसकर्मी घायल हो गए.


नहीं किया गया लाठीचार्ज -


भदौरिया ने कहा, ‘‘लाठीचार्ज जैसा कोई कदम नहीं उठाया गया. बच्चे की मौत पुलिस की लाठी लगने से होने संबंधी आरोप पूरी तरह गलत है.’’


वहीं, करैरा के कांग्रेस विधायक प्रागीलाल जाटव ने कहा, ‘‘मैंने गांव वालों से बात की है. गांव के लोग निर्माणाधीन सड़क पर बन रही पुलिया पर पाईप डालने का विरोध कर रहे थे, जिसे लेकर तहसीलदार को ज्ञापन भी दिया गया.’’


उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के अनुसार मासूम की पुलिस की लाठी से मौत हुई है. जाटव एवं ग्रामीणों ने शव को सड़क पर रखकर चक्काजाम भी किया.


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