Indore Ranjeet Hanumanji News: आयकर आयुक्त, अपील (ITC-A) ने एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए इंदौर शहर के प्रसिद्ध श्री रणजीत हनुमान मंदिर से की जा रही 3.50 करोड़ रुपये की आयकर की मांग को खारिज कर दिया है. इंदौर शहर के रणजीत हनुमान मंदिर के व्यवस्थापक की अपील सुनते हुए आयकर विभाग ने ये कार्रवाई की. आईटीसी-ए के इस फैसले को अन्य मंदिरों के लिए एक उदाहरण के तौर पर माना जा रहा है.



श्री रणजीत हनुमान मंदिर के प्रशासन की ओर से पैरवी करते हुए सीए अभय शर्मा ने बताया कि मूल रूप से यह मामला 8 नवंबर, 2017 को घोषित की गई नोटबंदी के दौरान का है. उस समय मंदिर के बैंक खाते में पुराने नोटों को जमा किया गया था, भारत सरकार ने कहा था कि बंद हो रहे नोटों को 31 दिसंबर 2017 तक बैंकों में जमा कराया जाये, लोगों और संस्थानों को इसके लिए बाकायदा अनुमति भी दी गई थी.

संतोषजनक नहीं पाया गया
इस दौरान मंदिर ने करीब 2.50 करोड़ रुपये के बंद हो चुके नोट बैंक में जमा कराए थे. बस इसी के चलते आयकर विभाग ने फरवरी 2018 को मंदिर के प्रशासन यानी जिला कलेक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. इधर प्रशासन की ओर से सीए अभय शर्मा ने आयकर विभाग को जो जवाब दाखिल किया वो संतोषजनक नहीं पाया गया. आयकर अधिकारी ने इस मामले में 2,00,65,232 रुपये की आय का आकलन किया और टैक्स, पेनल्टी सहित ब्याज  के साथ डिमांड नोट जारी कर दिया.

सोसायटी के रूप में रजिस्टर नहीं था
28 नवंबर 2019 तक ये  राशि बढ़कर  2,23,88,730 हो गई. उस समय तक रणजीत हनुमान मंदिर धर्मार्थ ट्रस्ट और सोसायटी के रूप में रजिस्टर नहीं था. सीए शर्मा ने कहा कि मंदिर के तत्कालीन प्रशासन कलेक्टर लोकेश जाटव ने 2018 में यह मामला उन्हें सौंपा और कई सुनवाई के बाद CIT अपील ने अब ये अंतिम फैसला सुनाया है.


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