आजादी के 77 सालों का कैसा रहा सफर? NSUI और ABVP के नेताओं के सामने क्या एक जैसी रही समस्याएं?
Independence Day 2024 Special: भारत की स्वतंत्रता के 77 साल के सफर को लेकर एनएसयूआई और एबीवीपी के नेताओं ने अलग-अलग प्रतिक्रिया दी है. दोनों संगठनों ने कई समस्याओं को एक जैसा बताया है.
MP News: हम देश की स्वतंत्रता की 78वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं लेकिन 77 साल का सफर कैसा रहा? इसे लेकर छात्र राजनीति करने वाले संगठन के प्रतिनिधि अपनी-अपने अलग-अलग प्रतिक्रिया देते हैं. प्रमुख रूप से मध्य प्रदेश में सक्रिय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन एक दूसरे के विरोधी छात्र संगठन है, मगर 77 साल के सफर को लेकर दोनों संगठन के प्रतिनिधियों ने कई समस्याओं को एक ही जैसा वर्णित किया है.
छात्रों के जीवन में आई समस्याएं
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन के भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन के शहर अध्यक्ष हिमांशु जोशी का कहना है कि आजादी के 77 साल का सफर काफी अच्छा रहा है मगर पेपर लीक जैसे मामलों से छात्रों में विशेष रूप से नकारात्मक सोच उत्पन्न हुई है. विद्यार्थियों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम 77 सालों में उठाए गए हैं, मगर अभी भी बेरोजगारी, शिक्षा के क्षेत्र में नए अविष्कार, नए कोर्स और महंगाई जैसी समस्याओं से विद्यार्थी जगत को भी जूझना पड़ रहा है.
आजादी के 77 सालों में सुखद अनुभव भी रहे
जोशी ने कहा कि कोरोना जैसे महामारी से भारत उभर चुका है वह दौर काफी खतरनाक रहा है. दूसरी तरफ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के शहर अध्यक्ष शीतल कुमार शर्मा और नगर मंत्री आदर्श चौधरी ने कहा कि आजादी के 77 साल काफी सुखद अनुभव भर रहे हैं.
इस दौरान उतार-चढ़ाव का भी कई बार दौर आया मगर भारत में सभी परिस्थिति में आगे बढ़ाना सीखा है. उन्होंने कहा कि साल 2014 के बाद से भारत विकास की ओर तेज गति से बढ़ रहा है. भारत विश्व गुरु की ओर आगे बढ़ रहा है. हालांकि अभी भी गरीबी, बेरोजगारी और धार्मिक कट्टरता को बड़ी समस्या है. इन समस्याओं का समाधान आवश्यक है.
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