MP  Rail Accident: मध्य प्रदेश में बीते सप्ताह हुए हादसों के बाद रेलवे की नींद टूटी है. रेलवे बोर्ड ने फैसला किया है कि लोको पायलट लगातार नौ घंटे से ज्यादा ट्रेन नहीं चलाएंगे. विशेष परिस्थितियों में 12 घंटे काम लेने के लिए लोको पायलट की इजाजत जरूरी होगी. सिंहपुर रेलवे स्टेशन के पास 19 अप्रैल को दो मालगाड़ी की टक्कर में एक लोको पायलट की मौत हो गई थी.


हादसे के बाद 10 ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ और कई ट्रेनों के समय में बदलाव किया गया. ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होने से यात्रियों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था.


हादसों के बाद जागा रेलवे बोर्ड 


दोनों मालगाड़ी के डिब्बे ट्रैक पर पलट गए और इंजन में आग लग गई. हादसे के कारणों की जांच में चौंकानेवाला खुलासा हुआ. लोको पायलट 14 घंटे से ज्यादा समय तक ड्यूटी पर था. मालगाड़ी की टक्कर के पीछे लोको पायलट की थकान को कारण माना गया. इसी तरह शुक्रवार को एक अन्य मालगाड़ी  रेड सिग्रल को पार गई थी.


हादसों के बाद रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक विद्युत अभियांत्रिकी किशोर वैभव की ओर से लोको पायलट की ड्यूटी पर निर्देश जारी किया गया है. रेल महाप्रबंधकों को निर्देश दिए गए हैं कि रनिंग स्टाफ से नौ घंटे से ज्यादा लगातार ड्यूटी न कराई जाए.


9 घंटे ड्यूटी करेंगे लोको पायलट


इसी सप्ताह दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के बिलासपुर-कटनी रेल मंडल पर सिंहपुर स्टेशन में कोयला लोडेड मालगाड़ी के सिग्रल ओवरशूट होने की वजह से इंजन सहित नौ डिब्बे बेपटरी हो गए थे. मालगाड़ी के डिब्बे बेपटरी से उतरने के कारण 10 ट्रेनें निरस्त हुईं थीं, बिलासपुर-शहडोल मेमू, शहडोल-अम्बिकापुर मेमू, अंबिकापुर-अनुपपूर मेमू, अनुपपूर-मुनेंद्रगढ़ मेमू, मनेंद्रगढ़-अंबिकापुर मेमू, अंबिकापुर-शहडोल मेमू, शहडोल-बिलासपुर मेमू, अंबिकापुर-शहडोल मेमू, 18755 शहडोल-अंबिकापुर मेमू, बिलासपुर-इंदौर नर्मदा एक्सप्रेस ट्रेन रद्द हुई थी.


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