Indian Railways: मध्य प्रदेश के कटनी में देश का सबसे लंबा निर्माणाधीन रेलवे फ्लाई ओवर दिसंबर 2023 तक तैयार हो जाएगा. पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल में कटनी-बीना रेल खंड पर करीब 35 किलोमीटर लंबा (अप-डाउन) रेल फ्लाई ओवर का निर्माण हो रहा है. फ्लाई ओवर बन जाने से मालगाड़ियों के निर्बाध परिचालन में गति आएगी और समय की बचत भी होगी. इस ग्रेड सेपेरेटर से बिलासपुर, सिंगरौली और बीना रेलखंड की मालगाड़ियों को कटनी से सुगमता से निकाला जा सकेगा. रेलवे के इस ओवरब्रिज को 'उड़ता जंक्शन' भी कहा जा रहा है.


मेगा प्रोजेक्ट 2023 तक होगा पूरा 


पश्चिम मध्य रेलवे जबलपुर के सीपीआरओ राहुल जयपुरियार के मुताबिक ओवरब्रिज मालगाड़ियों के यातायात को गति देने के लिए कटनी-बीना रेलखंड पर बिछाई गई थर्ड लाइन पर बनाया जा रहा है. इस ओवर ब्रिज में अप और डाउन का रेलवे ट्रैक है, जिससे गुड्स ट्रेनों की आवाजाही होगी. अप लाइन पर 16.08 किलोमीटर और डाउन लाइन पर 18.01 किलोमीटर लंबा रेलओवर ब्रिज बन रहा है. रेलवे का मेगा प्रोजेक्ट 1247 करोड़ की लागत से इरकॉन कंपनी तैयार कर रही है. ओवरब्रिज 673 पिलर के ऊपर बनाया जा रहा है. ओवरब्रिज का प्रोजेक्ट 2016 में स्वीकृत हुआ था और परियोजना का कार्य दिसंबर 2023 तक पूरा होने की संभावना है. 


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कटनी से प्रतिदिन गुजरने वाली सैकडों गुड्स ट्रेनें बिलासपुर और सिंगरौली से कोयला लेकर बीना की ओर से जाती हैं. इन मालगाड़ियों को न्यू कटनी जंक्शन (NKJ) और कटनी मुड़वारा जंक्शन से होकर गुजरना पड़ता है. इस रेल लाइन पर हैवी ट्रैफिक होने के कारण मालगाड़ियां कई-कई घंटे लेट हो जाती हैं और रेलवे को डेमरेज देना पड़ता है. कटनी में रेल फ्लाई ओवर बन जाने से बिलासपुर, सिंगरौली और बीना रेलखंड पर मालगाड़ियों के परिचालन को गति मिलेगी. साथ ही पुरानी रेल लाइन से नियमित ट्रेनों के परिचालन में भी सुगमता आएगी.


'उड़ता जंक्शन' नाम कैसे पड़ा  


इस ब्रिज को उड़ता जंक्शन कहने के पीछे भी अनोखी वजह है. देश के सबसे बड़े ग्रेड सेपरेटर में एक अपलाइन झलवारा से आएगी जबकि दूसरी लाइन कटंगी से आएगी. इन दोनों लाइनों को ब्रिज में बिमरौल नदी के पास पड़रिया में स्थापित किये जाने वाले जंक्शन में मिलाया जाएगा. बिलासपुर और सिंगरौली दोनों ही दिशाओं से आने वाली मालगाड़ी यहां रेल ओवर ब्रिज पर बनने जा रहे जंक्शन से एक ट्रैक पर आगे बढ़ेंगी. पड़रिया में बनने वाले जंक्शन के कारण ही इसे उड़ता जंक्शन कहा जा रहा है. इंडियन रेलवे का यह पहला फ्लाई ओवर होगा जिसमें रेल लाइनों में आपस में इंटर चेंज की सुविधा भी होगी.