जब महज 34 साल के कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा आईं थीं इंदिरा गांधी, मंच से कहा था, 'मेरा तीसरा बेटा...'
Chhindwara News: कमलनाथ गांधी परिवार के बेहद ही खास मानें जाते हैं. गांधी परिवार से जुड़ाव के चलते ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने महज 34 वर्षीय कमलनाथ को छिंदवाड़ा से प्रत्याशी बनाया था.
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Indira Gandhi Visit Chhindwara: लोकसभा चुनाव के इस रण के बीच हम ‘किस्सा ए सियासत’ में लाए हैं. देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से जुड़ा एक किस्सा. पूर्व इंदिरा गांधी मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा मानती थी.
इस बात का खुलासा उन्होंने छिंदवाड़ा में ही सार्वजनिक मंच से जनसभा को संबोधित करते हुए कहा था. उन्होंने छिंदवाड़ावासियों से अपील की थी कि आप कांग्रेस नेता को नहीं, बल्कि इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे कमलनाथ को वोट दें.
बता दें मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ गांधी परिवार के बेहद ही खास मानें जाते हैं. गांधी परिवार से जुड़ाव के चलते ही पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने वर्ष 1980 में महज 34 वर्षीय कमलनाथ को छिंदवाड़ा संसदीय सीट से प्रत्याशी बना दिया था.
पूर्व सीएम कमलनाथ ने भी गांधी परिवार के इस भरोसे को कायम रखा और नौ बार छिंदवाड़ा सीट से सांसद चुने गए. छिंदवाड़ा सीट का नेतृत्व स्वयं कमलनाथ, उनकी पत्नी अलका नाथ और पुत्र नकुलनाथ ने किया. वर्तमान में भी कांग्रेस की ओर से छिंदवाड़ा सीट पर नकुलनाथ ही प्रत्याशी हैं. वर्ष 1980 से महज एक साल के लिए छोड़ दें तो शेष कमलनाथ परिवार का ही सीट पर कब्जा रहा है.
कमलनाथ के लिए आईं थीं इंदिरा जी
कांग्रेस ने साल 1980 में पहली बार कमलनाथ को मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा संसदीय सीट से टिकट दिया, तब उनके लिए प्रचार करने खुद इंदिरा गांधी पहुंची थीं. उन्होंने अपने चुनावी भाषण में यह तक कहा था कि आप लोग कांग्रेस के नेता कमलनाथ को नहीं, मेरे तीसरे बेटे कमलनाथ को वोट दीजिए. उस दौर में तो लोग यहां तक कहने लगे थे कि इंदिरा गांधी के दो हाथ संजय गांधी और कमलनाथ. इंदिरा गांधी की मौत के बाद राजीव गांधी राजनीति में आए तो कमलनाथ उनके भी करीबी रहे.
संजय गांधी से थी गहरी दोस्ती
आपातकाल के बाद 1979 में देश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी. जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद संजय गांधी को एक मामले में कोर्ट ने तिहाड़ जेल भेज दिया, जब संजय गांधी जेल पहुंचे तो इंदिरा गांधी संजय की देखभाल और सुरक्षा को लेकर चिंतित थीं. कहा जाता है कि तब कमलनाथ ने जान बूझकर एक जज से लड़ाई लड़ी और जज ने उन्हें भी आवमानना के चलते सात दिन के लिए तिहाड़ी भेज दिय. इस दौरान वो संजय गांधी के साथ रहे ओर उनकी देखभाल की.
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