Malaria Dengue Case in Indore: वेक्टर जनित बीमारियां मध्य प्रदेश के इंदौर में पैर पसार रही हैं. मंगलवार को दो दिनों में डेंगू के 21 नए मरीजों की पहचान हुई है. इसी साथ अब तक कुल मामलों की संख्या 251 हो गई. जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि 21 नए मरीजों में से 14 मरीज पुरुष और सात महिलाएं हैं. दो मरीजों की उम्र 14 साल से कम है. राहत की बात है कि मलेरिया का नया मामला सामने नहीं आया है.


डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि जहां तक डेंगू के कुल मामलों की बात है, तो 151 पुरुष और 100 महिलाएं बीमारी से पीड़ित हैं और इनमें से 24 बच्चे हैं. आने वाले दिनों में डेंगू के और मामले बढ़ सकते हैं. उन्होंने कहा कि डेंगू मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. उन्होंने कहा कि शहर में 18 सक्रिय मामले हैं. सभी मरीज घर पर ही इलाज करा रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) के प्रति लोगों को जागरूक करने का काम शुरू कर दिया है. डॉ. पटेल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 14 अगस्त को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) के रूप में डिफाइन किया था.


एमपॉक्स के प्रति रहें सतर्क-स्वास्थ्य विभाग


राहत की बात है कि मध्य प्रदेश में एमपॉक्स के मामले नहीं मिले हैं. लेकिन स्वास्थ्य विभाग सतर्कता की आवश्यकता पर जोर दे रहा है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बीएस सैत्या ने बताया कि मंकीपॉक्स औऱ चेचक का लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं. बीएस सैत्या के मुताबिक एमपॉक्स की बीमारी कम गंभीर और कम संक्रामक है. उन्होंने कहा, "इन्क्यूबेशन टाइम आमतौर पर 7 से 14 दिनों तक होता है. इस दौरान संक्रमित व्यक्ति आमतौर पर संक्रामक नहीं होता है. वायरस दाने दिखने से एक दो दिन पहले तक फैल सकता है." स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधानी बरतने और मंकीपॉक्स के लक्षणों को पहचानने की अपील की है.


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