Indore News: अब हाईटेक होगा इंदौर एयरपोर्ट, 24 घंटे फ्लाइट कर सकेंगी लैंड और टेक ऑफ
इंदौर एयरपोर्ट होगा नई टक्नोलाजी से अपगैड 80 करोड रुपए की लागत से होगा नवीनकरण, दुगनी होग लैंडिंग क्षमता, 150 किलोमीटर दूरी से भी किया जा सकेगा कंट्रोल
Indore News: एयरपोर्ट पर करीब 80 करोड रुपए की लागत से एयर ट्रेफिक कंट्रोल टॉवर फायर स्टेशन और टेक्निकल एवं कम्युनिकेशन बिल्डिंग बनाई जाएगी. जिसके चलते रविवार को सांसद शंकर लालवानी ने इन विकास कार्यों को लेकर जायजा लिया और भूमि पूजन किया.
इंदौर के देवी अहिल्या बाई एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. जिसको देखते हुए एयरपोर्ट को अपग्रेड करने का काम भी किया जा रहा है. इंदौर एयरपोर्ट को अत्याधुनिक बनाने के लिए सांसद शंकर लालवानी ने नए एटीसी टॉवर का भूमिपूजन किया क्योंकि वर्तमान में लगा एटीसी टॉवर काफी पुराना हो गया था. ऐसे में इसे अपग्रेड करना ज़रूरी था. नया बनने वाला एटीसी अत्याधुनिक राडार और नई तकनीक से युक्त होगा. फिलहाल की स्थिति में इंदौर एयरपोर्ट से हर घंटे में 12 फ्लाइट लैंड और टेक ऑफ कर सकती है. वहीं नए एटीसी टॉवर बनने से इसकी क्षमता दोगुना से ज़्यादा हो जाएगी. एयरपोर्ट की आने वाले कई सालों की जरूरतों को देखते हुए इसे तैयार किया जा रहा है.
100 करोड़ रूपये की लागत से नवनीकरण
सांसद शंकर लालवानी ने एयरपोर्ट पर भूमिपूजन करने के बाद मीडिया से कहा की नई सुविधाओं के पूरा होने के बाद पुराने एटीसी टॉवर और फायर स्टेशन को शिफ्ट किया जाएगा. और यहां एयरपोर्ट टर्नल बनाने के लिए मिली जगह उपलब्ध हो सकेगी. इसके साथ ही डोमेस्टिक कार्गो और पेरिशेबल कार्गो का कार्य भी तेजी से किया जा रहा है. जिसमें करीब 10 करोड़ रूपये की लागत आने वाली है.
इंदौर एयरपोर्ट को मिलाकर 100 करोड़ रूपये से ज़्यादा के विकास के कार्य चल रहे हैं. इसके अलावा ब भी बनाए गए हैं जिनका काम अंतिम चरणों में चल रहा है. एयरपोर्ट पर अब तक तीन एयरोब्रिज थे जिनकी संख्या बढ़कर अब पांच हो जाएगी. एयरपोर्ट पर आधुनिक भविष्य की ज़रूरतों के हिसाब से इंफ्रास्ट्रक्चर की ज़रुरत है. जिसे देखते हुए आने वाले कई सालो को ध्यान में रख इसका विकास कार्य किया जा जाएगा.
150 किलोमीटर दूरी से भी किया जा सकेगा कंट्रोल
बता दें की वर्तमान में एटीसी टावर टेक्निकल सुविधाओं के साथ किसी भी एयर क्राफ्ट को 100 किलोमीटर की दूरी से कंट्रोल कर सकता है. लेकिन अब नई सुविधा मिलने के बाद एयर क्राफ्ट 150 किलोमीटर दूरी से भी कंट्रोल किया जा सकेगा. जिसके लिए विमान ओर कंट्रोल के बीच की लगभग दूरी 10 मिल की होती थी, जिसे अब 5 मिल तक लाया जा सकेगा. जिससे एयरक्राफ्ट हैंडलिंग कैपिसिटी बढ़ जाएगी.
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