Indore News:  इंदौर (Indore) के कलेक्टर चौराहे पर सोमवार दोपहर को करीब 2000 की संख्या में आंगनवाड़ी महिला कार्यकर्ता जमा हुईं और वेतन वृद्धि, नियमितीकरण सहित अपनी 5 सूत्रीय मांगो को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठ गईं. यही नहीं हड़ताल पर बैठी महिलाओं ने कलेक्टर कार्यालय से लेकर हेमू कालानी चोराहे तक काले कपड़े पहनकर मानव श्रंखला बनाई. उसके बाद राज्य सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश व्यक्त करते हुए चक्काजाम कर दिया.


इतना ही नहीं आक्रोशित महिलाओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए सड़कों पर लेटने की कोशिश भी की. इन्हें महिला पुलिस बल द्वारा हटाने की भी कोशिश की गई. वहीं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता जिला अध्यक्ष रीना सेतिया ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हमारी मांग है कि की हमारी जिन बहनों की सेवाएं समाप्त की गई हैं, उन्हे वापस से बहाल की जाए. जब तक ऐसा नहीं होगा तब तक ये हड़ताल जारी रहेगी. 


 24 हजार रुपये मानदेय  की मांग
उन्होंने प्रदेश सरकार से अनुरोध करते हुए कहा कि जितना काम सरकार लेती है तो उतना दाम भी दे. 10 हजार रुपयों में कुछ भी नहीं होता है. न्यूनतम 24 हजार रुपये मानदेय देना चाहिए. लेकिन हमें केवल आश्वासन दिया जा रहा है. हम इतने दिनों से हड़ताल पर बैठे हैं कोई अभी तक खबर लेने कोई नहीं आया. अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती है तो आगे आंदोलन को उग्र रूप में किया जाएगा. वहीं करीब दो घंटे चले चक्क्जाम को हटाने के लिए क्षेत्रीय पुलिस बल और अधिकारी चक्काजाम खत्म करवाने के लिए मशक्कत करते दिखाई दिए.


वहीं  चक्काजाम के चलते आने जाने वाले राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ा. पुलिस की समझाइश के बाद चक्कजाम को खत्म किया गया. उसके बाद यातायात में हो रही परेशानियों से निजात मिल सकी. बता दें 15 मार्च से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं काम बंद करके आंदोलन कर रही हैं.


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