Indore: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में बजरंग दल (Bajrang Dal) कार्यकर्ताओं पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज (Lathi Charge) की घटना के बाद, लाठीचार्ज की गाज पलासिया थाना प्रभारी सहित डीसीपी धर्मेंद्र भदौरिया (Dharmendra Bhadoria) पर भी गिरी. जिन्हें गृह विभाग ने डीसीपी सिटी (DCP City) से हटाते हुए आरएपीटीसी अटैच कर दिया है. गौरतलब है कि हिंदू संगठनों (Hindu Organizations) ने सरकार को इस मामले में 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया था.
इस कार्रवाई से कुछ देर पहले पलासिया चौराहे पर हुई कार्रवाई को बजरंग दल ने पुलिस अधिकारियों की खीज बताते हुए आरोप लगाया कि, पुलिस ने चुनिंदा कार्यकर्ताओं को टारगेट करते हुए लाठीचार्ज किया. बजरंग दल ने मौके पर मौजूद डीसीपी, एसीपी सहित तीन टीआई को बर्खास्त करने की मांग की. बजरंग दल ने इसके लिए शासन को 48 घंटे का अल्टीमेटम भी दिया था. विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने बीजेपी के अध्यक्ष और उनके बेटे बिलाल खान पर ड्रग तस्करी के गंभीर आरोप भी लगाए.
बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को किया टारगेट- वीएचपी नेता
विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल द्वारा बढ़ती नशाखोरी के विरोध में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. इसी क्रम में गुरुवार (15 जून) को दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने पलासिया थाने का घेराव किया. इसी दौरान पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर जमकर लाठियां चलाईं. बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद पदाधिकारियों ने इस पूरी घटना को लेकर शुक्रवार को मीडिया से बात की. विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने आरोप लगाया कि पूरी घटना में पुलिस नशे के तस्करों के संरक्षणकर्ता की भूमिका में नजर आई. इसलिए उन्होंने नशाखोरी के खिलाफ अभियान चला रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को टारगेट कर लाठियां चलाई.
मीडिया से बातचीत में विश्व हिंदू परिषद के प्रांत मंत्री सोहन विश्वकर्मा ने बीजेपी नेता कमाल खान के बेटे बिलाल खान को एमडी ड्रग का आरोपी बताते हुए कहा कि जिस आरोपी पर इनाम घोषित है, उसके पिता के कहने पर बजरंग दल कार्यकर्ता पर झूठी एफआईआर दर्ज की जाती है. प्रदेश की बीजेपी सरकार और बीजेपी नेता के द्वारा पूरे मामले पर चुप्पी साधने के सवाल पर विहिप पदाधिकारियों ने कहा कि, बीजेपी अपना विचार खुद प्रस्तुत करे.
बजरंग दल के नेता ने पुलिस पर लगाए ये आरोप
विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ बजरंग दल के विभाग मंत्री राजेश बिंजवे भी मौजूद थे. राजेश बिंजवे पुलिस के निशाने पर सबसे ज्यादा रहे और पुलिस ने उन्हें जमकर पीटा था. अपनी चोटें दिखाते हुए बिंजवे ने कहा कि यदि नशाखोरी के विरुद्ध और हिंदुत्व के लिए आवाज उठाना गलत है तो वे यह गलती बार- बार करेंगे. पलासिया चौराहे पर चक्काजाम करने के सवाल पर भी पदाधिकारियों का कहना था कि कार्यकर्ता थाने के अंदर ही थे लेकिन उन्हें पुलिसकर्मियों ने बाहर निकाल दिया. ऐसे में कार्यकर्ता सड़क पर आ गए.
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