MP: रामनवमी पूजन के दौरान 36 लोगों के लिए काल बनी थी इंदौर की बावड़ी, अब पकड़े गए दो आरोपी
Indore Bawadi Accident: साल 2023 मार्च के महीने में इंदौर के बालेश्वर महादेव झूलेलाज मंदिर स्थित बावड़ी एक साथ 36 लोगों के लिए काल बन गई थी. शवों को निकालने के लिए सेना की मदद लेना पड़ी थी.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में हुए बावड़ी हादसे में जूनी इंदौर थाना पुलिस ने मंदिर प्रशासन से जुड़े हुए दो लोगों को हिरासत में लिया है. एक साल पहले इंदौर के जूनी इंदौर थाना क्षेत्र में बावड़ी हादसा हुआ था, जिसमें 36 लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में डीसीपी की टीम ने कार्रवाई की है. पुलिस ने गिरफ्तारी को लेकर अभी तक पुष्टि नहीं की, लेकिन पुलिस की एक टीम इन दोनों को मेडिकल के लिए लेकर गई है.
इस हादसे में 36 लोगों की मौत के बाद कई लोग घायल भी हुए थे. इसके बाद पूरे देश में बावड़ी कांड पर बवाल मचा हुआ था. इस मामले में पुलिस ने मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों पर एफआईआर भी की थी, जिसमें दो आरोपी बनाए गए थे जिनका नाम सेवाराम और मुरली है. बताया जा रहा है कि इंदौर पुलिस के डीसीपी ऋषिकेश मीणा की टीम ने यह कार्रवाई की है और दो लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस आज मेडिकल के बाद उन्हें कोर्ट में पेश कर सकती है.
मार्च 2023 में हुआ था हादसा
साल 2023 के मार्च महीने की 30 तारीख सभी को याद है. इस दिन इंदौर में स्थित एक बावड़ी एक साथ 36 लोगों के लिए काल बन गई थी. रामनवमी पूजन के दौरान यह दर्दनाक हादसा घटित हुआ था. शवों को निकालने के लिए सेना की मदद लेना पड़ी थी. हादसे के दौरान 33 लोगों के शव बावड़ी से निकाले गए थे, जबकि बाद में तीन लोगों ने इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ा था.
बता दें 30 मार्च 2023 के दिन इंदौर के सपना-संगीता रोड स्थित बालेश्वर महादेव झूलेलाज मंदिर परिसर में स्थित प्राचीन बावड़ी पर बैठकर श्रद्धालु पूजा अर्चना कर रहे थे. ज्यादा वजन होने की वजह से बावड़ी धराशायी हो गई और श्रद्धालु भी बावड़ी में गिर गए थे. 40 फीट गहरी बावड़ी धंसने से उसमें एक साथ कई लोग गिर गए थे. बावड़ी में 8 से 10 फीट तक पानी भी भरा था. लोगों को बचाने के लिए सेना की मदद लेनी पड़ी थी.
एक साथ हुई थी 33 लोगों की मौत
हादसे में सेना और प्रशासन की टीम ने एक-एक 33 शव बावड़ी से निकाले थे, जबकि कई लोग अस्पताल में भर्ती किए गए थे. इनमें तीन की हालत गंभीर होने पर उन्होंने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था. इस तरह कुल मिलाकर इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई थी. हादसे के बाद सरकार की ओर से मृतकों के परिजन को 4-4 लाख ओबीसी फंड से, 5-5 लाख मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से, 2-2 लाख पीएम रिलीफ फंड और घायलों को 50-50 हजार रुपये के साथ 10-10 हजार रेडक्रॉस की ओर से दिए गए थे.
19 लोगों को पहुंचाया गया था अस्पताल
इस हादसे के बाद सेना और प्रशासन की टीम ने कई लोगों की जान भी बचाई थी. प्रशासन और सेना की टीम ने 19 लोगों को बावड़ी से निकालकर अस्पताल पहुंचाया था, जिनमें बाद में तीन लोगों ने दम तोड़ दिया था. यह हादसा पूरे देश भर में गूंज उठा था. तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इस हादसे के बाद व्यवस्था पर लगातार नजर बनाए हुए थे.