(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
इंदौर बना सॉल्वेंट सप्लाई का गढ़, पेट्रोल-डीजल में मिलाते हैं मुनाफाखोर, गुजरात से जुड़े तार
Indore News: किरोसीन की जगह मुनाफाखोर अब सॉल्वेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं. सॉल्वेंट का इस्तेमाल ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल डीजल में मिलाने के लिए होता है. इंदौर में खाद्य विभाग को बड़ी सफलता मिली है.
MP News: दिवाली से पहले इंदौर में खाद्य विभाग एक्टिव हो गया है. ज्वलनशील पदार्थों की अवैध बिक्री पर अंकुश लगाने के लिए खाद्य विभाग की टीम छापेमारी कर रही है. दो दिनों में छापेमारी के दौरान लगभग 17000 लीटर सॉल्वेंट जब्त किया गया है.
सॉल्वेंट का इस्तेमाल ज्वलनशील पदार्थ पेट्रोल डीजल में मिलाने के लिए होता है. जिला खाद्य नियंत्रक मोहन मारू ने बताया कि इंदौर पेट्रोल-डीजल में मिलावट के लिए इस्तेमाल होने वाले सॉल्वेंट सप्लाई का गढ़ बन गया है. सॉल्वेंट सप्लाई गिरोह के तार गुजरात से जुड़े होने की आशंका है.
सॉल्वेंट का इस्तेमाल मिलावटखोर पेट्रोल-डीजल में करते हैं. ऑयल पेंट बनाने वाली कंपनियों को सॉल्वेंट का लाइसेंस लेना पड़ता है. बिना लाइसेंस के सॉल्वेंट का इस्तेमाल प्रतिबंधित है. खुलासा होने पर कानूनी कार्रवाई की जाती है. उन्होंने बताया कि आशंका है कि माफिया सॉल्वेंट को पेट्रोल और डीजल में मिलाकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं. प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ है कि सॉल्वेंट की कीमत 40 से 45 रुपये प्रति लीटर होती है. पेट्रोल और डीजल में सॉल्वेंट मिलने पर कीमत दो गुना से भी अधिक हो जाती है.
सॉल्वेंट सप्लाई गिरोह के तार गुजरात से जुड़े
खाद्य विभाग की टीम जब्त सॉल्वेंट से दो पहिया वाहन को चलाने की कोशिश करेगी. ट्रायल सफल होने पर साबित हो जाएगा कि सॉल्वेंट का इस्तेमाल पेट्रोल और डीजल में मिलावट के लिए किया जा रहा है. हालांकि पेट्रोल और डीजल में मिलाने पर वाहन चल रहे हैं, जबकि शुद्ध सॉल्वेंट से वाहन चलाने का ट्रायल अभी बाकी है. खाद्य नियंत्रक मोहन मारू ने बताया कि अहिरखेड़ी स्थित स्वास्तिक एंटरप्राइजेस से 14 ड्रम और प्रगति इंटरप्राइजेस से 9 ड्रम सॉल्वेंट जब्त किया गया है.
पेट्रोल- डीजल में मिलाने के लिए इस्तेमाल
शुरुआती तफ्तीश में पता चला है कि साल्वेंट की अवैध सप्लाई गुजरात से हो रही थी. ऐसे में सवाल उठता है कि गुजरात से बड़े पैमाने पर मध्य प्रदेश में सॉल्वेंट की अवैध सप्लाई कैसे हो रही है? अधिकारियों का कहना है कि इंडस्ट्रियल तेल के नाम पर जीएसटी बिल बनवाकर अवैध रूप से सॉल्वेंट मध्य प्रदेश लाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल तेल की सप्लाई पर खाद्य विभाग एक्शन नहीं लेता है. माफिया इंडस्ट्रियल तेल की आड़ में फर्जी तरीके से सॉल्वेंट ला रहे हैं. दिवाली के दौरान बोतलों में थिनर बेचकर दोगुनी कमाई होती है. थिनर के रूप में बोतल की कीमत 80 से 90 रुपये वसूली जाती है. बता दें कि पेट्रोल और डीजल में मिलावटखोरी के लिए पहले केरोसिन भी विकल्प रह चुका है. केरोसिन बंद होने के बाद अब पेट्रोल डीजल में सॉल्वेंट मिलाकर महंगे दाम पर बेचने वाला गिरोह एक्टिव है.
ये भी पढ़ें-
दूसरे धर्म में लव मैरिज, MP हाई कोर्ट ने कपल को दी सुरक्षा, BJP विधायक ने जताई थी आपत्ति