Indore News: देश में स्वच्छता के मामले में नंबर वन पायदान पर खड़े इंदौर में अब भिक्षावृत्ति करने वालों के खिलाफ भी अभियान शुरू कर दिया गया है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि इंदौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने के लिए लगातार मुहिम चलाई जा रही है. इस मुहिम के तहत भिक्षावृत्ति में संलग्न लोगों को रेस्क्यू कर पुनर्वासित करने की कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई में काफी सफलताएं मिल रही है. इंदौर को आने वाले समय में भिक्षावृत्ति मुक्त बना दिया जाएगा. 


उन्होंने कहा, ''इसके लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा सात दलों के माध्यम से लगातार शहर में कार्रवाई की जा रही है. जहां भी भिक्षावृत्ति करने की शिकायत मिल रही है, वहां इसमें संलग्न लोगों को घर जाकर परिवार वालों के साथ समझाइश दी जा रही है. इतना ही नहीं समझाइश के बावजूद भिक्षावृत्ति करने वाले भिक्षुओं को रेस्क्यू कर पुनर्वास केंद्रों में रखा जा रहा है.


22 लोगों को भेजा राजस्थान
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि चाइल्ड हेल्पलाइन पर शिकायत मिली थी कि इंदौर की एक होटल में 22 लोग रुके हुए हैं, जिनमें 11 महिलाएं और 11 नाबालिक बच्चे हैं. जो कि राजस्थान से भिक्षावृत्ति करने के लिए आए हुए हैं. इस सूचना के आधार पर प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई करते हुए उन्हें बस स्टैंड से रेस्क्यू किया और वापस राजस्थान भेज दिया.


होटल और धर्मशाला संचालकों को अल्टीमेटम 
कलेक्टर ने बताया कि होटल,  लॉज, धर्मशाला, गेस्ट हाउस आदि संचालित करने वाले संचालकों को स्पष्ट रूप से निर्देश दे दिए गए हैं कि वे अपने होटल,  लॉज में ऐसे लोगों को आश्रय न दे जो इंदौर में भिक्षावृत्ति करते हैं. उन्होंने बताया कि आगामी समय में आश्रय देने वाले लोगों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.


इन स्थानों पर की करवाई
महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम ने एक सप्ताह में अन्नपूर्णा मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर, भंवर कुआ चौराहा, टावर चौराहा, अग्रसेन चौक, खजराना गणेश मंदिर, लक्ष्मी नारायण मंदिर, बालाजी मंदिर, सत्य साई चौराहा आदि पर अभियान चला कर 100 से अधिक भिक्षावृत्ति करने वालों को पुनर्वासित किया है. 


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