Indore: आईपीएल सट्टेबाजी में सामने आए बीजेपी नेताओं के नाम, कांग्रेस ने सीएम शिवराज से पूछा ये सवाल
Indore News: मध्य प्रदेश के इंदौर में आईपीएल सट्टेबाजी का खुलासा हुआ है. इस खुलासे से बीजेपी के कुछ नेताओं की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं जिनके नाम भी इसमें सामने आए है.
IPL Betting Case: आईपीएल (IPL) सीजन 16 की शुरुआत हो चुकी है और क्रिकेट प्रेमियों पर इसका नशा सिर चढ़कर बोल रहा है. वहीं इसको लेकर सट्टेबाजी भी शुरू हो गई है. उसी कड़ी में शुक्रवार रात को लखनऊ सुपर ज्वॉइंट और सनराइज हैदराबाद के मैच में सट्टेबाजी करने वाले चार आरोपियों को इंदौर (Indore) के एयरपोर्ट क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया है. कांग्रेस अब आरोप लगा रही है कि आष्टा का सट्टेबाज बीजेपी से जुड़ा हुआ है जिसे बचाने के कोशिश की जा रही है.
इंदौर की क्राइम ब्रांच और एरोड्रम थाने की पुलिस ने छापामार कार्रवाई की थी. जिसमें आष्टा के विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय और नगरपालिका अध्यक्ष हेमकुंवर के पति, विधायक प्रतिनिधि और पूर्व मंडी डायरेक्टर तेज सिंह मेवाड़ा का नाम सामने आया है. आरोप है कि पुलिस द्वारा मामले से उनका नाम हटाया गया है. उधर, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व प्रदेश सचिव राकेश सिंह यादव ने रविवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान को टैग कर ट्वीट किया.
उन्होंने लिखा, 'बीजेपी विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय के संरक्षण में विधायक प्रतिनिध और आष्टा नगरपालिका अध्यक्ष हेम कुंवर मेवाड़ा के पति राय सिंह मेवाड़ा आईपीएल सट्टा किंग बनकर बीजेपी में कौन से संस्कारों का पालन कर रहे हैं. क्या वह आष्टा के विधायक रघुनाथ सिंह मालवीय, विधायक प्रतिनिधि और नगरपालिका परिषद के अध्यक्ष पति तेज सिंह मेवाड़ा पर एफआईआर दर्ज कराने की हिम्मत दिखाएंगे या फिर सारा मामला रफ़ा दफ़ा कर दिया जाएगा.'
राकेश सिंह ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप
राकेश सिंह यादव ने आईपीएल के ऑनलाइन सट्टाकांड की उच्चस्तरीय जांच की जरूरत है. यह भी जांच का विषय है कि किस मंत्री के आदेश पर कलेक्टर ने राय सिंह मेवाड़ा को जिलाबदर करने का आदेश रोका. मुख्यमंत्री को किसी अन्य एजेंसी से सारे मामले की जांच करानी चाहिए लेकिन बीजेपी नेताओं और विधायक का संरक्षण प्राप्त होने से निष्पक्ष जांच की उम्मीद शून्य है. राकेश सिंह यादव ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा अपना दल भेजने का बहाना बनाकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास कर रही हैं जबकि स्पष्ट है कि पुलिस चाहे तो लिंक और फोन कॉल के अनुसार केस दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की जा सकती है.
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