(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Indore: अंबेडकर जयंती पर लौटी खुशी, सेंट्रल जेल में 21 कैदियों को मिला ये विशेष उपहार
Ambedkar Jayanti 2023: सेंट्रल जेल के अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि मध्य प्रदेश में पहली बार सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर भी कैदियों को रिहा किया जाएगा.
Indore News: बाबा साहब भीमराव अंबेडकर (BR Ambedkar) की जयंती पर पहली बार इंदौर (Indore) की सेंट्रल जेल (Central Jail) में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 21 कैदियों को विशेष उपहार दिया गया. ऐसे 21 कैदियों को जेल से रिहा कर दिया गया. रिहाई की खबर सुनते ही इन कैदियों के चेहरे पर मुस्कान आ गई.
काट रहे थे आजीवन कारावास की सजा
दरअसल, इंदौर की सेंट्रल जेल से 14 अप्रेल शुक्रवार को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर 21 कैदियों की रिहाई की गई. इस मौके पर उन्हें लेने आने वालों की भीड़ जेल परिसर में सुबह से ही देखी गई. कैदियों को लेने आने वाले काफी खुश दिखाई दिए. जो 21 कैदी रिहा किया गए हैं, वह सभी धारा 302 के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. यह पहली बार हुआ है, जब अंबेडकर की जयंती के अवसर पर अच्छे आचरण वाले कैदियों की रिहाई की गई है.
ये बोले जेल अधीक्षक
सेंट्रल जेल के अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि मध्य प्रदेश में पहली बार सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि 26 जनवरी ओर 15 अगस्त के अलावा भी संविधान निर्माता डॉ भीमराव अम्बेडकर की जयंती पर भी कैदियों को रिहा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के 154 कैदियों को बाबा साहब अंबेडकर की जयंती पर जेल से हुई सजा माफ करते हुए रिहा किया जा रहा है. इनमें 5 महिलाएं भी शामिल हैं. इंदौर सेंट्रल जेल से भी 21 कैदी, जो आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, उन्हें रिहाई दी जा रही है. इनमें 20 पुरुष और एक महिला शामिल हैं.
कैदियों को दी गई कमाई की राशि
जेल अधीक्षक ने बताया कि सभी बंदी आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे, जो अलग अलग धाराओं में सजा काट रहे थे. इनमें एक भी ऐसा कैदी नहीं जो 376 के धारा के तहत सजा काट रहा था. सभी बंदी 302 के आरोपी थे, जिन्हे अच्छे आचरण को देखते हुए जेल से रिहाई दी गई है. उन्होंने बताया कि बंदियों को उनके कौशल को देखते हुए जेल में काम भी दिया जाता है. इसका उन्हें मानदेय भी मिलता है. सभी बंदियों को अपनी परिश्रम के हिसाब से जो मानदेय था, करीब पांच लाख रुपये भी दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि कुछ बंदी ऐसे आए थे, जिन्हें नाम लिखना भी नहीं आता था. अब नाम लिखना तो सीखे ही हैं, किसी ने 10वीं पास की है तो कई बंदियों ने हायर एजुकेशन भी ले लिया है.
परिजनों ने बताया अच्छी पहल
गौरतलब है कि वैसे तो अपराध करने के बाद आरोपी को जेल भेजा जाता है. लेकिन, यदि उनका आचरण अच्छा रहता है तो जेल प्रशासन उनकी सजा को माफ भी करता है. वैसे कैदी जो जेल में रहकर यह पश्चाताप करते हैं और बाहर आने के बाद अच्छा जीवन जीने के लिए अग्रसर रहते हैं. ऐसे कैदियों को हर साल 15 अगस्त और 26 जनवरी को रिहा किया जाता रहा है. यह पहली बार है जब अंबेडकर जयंती पर भी कैदियों की सजा माफ की जा रही है. इसे कैदियों के परिवार वाले अच्छी पहल बता रहे हैं.
यह भी पढ़ें : MP Elections: चुनाव से पहले AAP का बड़ा एलान, 'सरकार बनी तो दिल्ली की तर्ज पर MP में महंगी जांच भी होंगी फ्री'