MP News: इंदौर शहर देश भर में वॉटर प्लस में नंबर वन का तमगा हासिल कर चुका है. इंदौर अक्सर नवाचार के लिए जाना जाता है. अब एक बार फिर निगम द्वार जल संरक्षण के लिए कार्य किया गया है. निगम आयुक्त प्रतिभा पाल ने बताया कि वर्षा जल संरक्षण के लिए निगम ने काम किया है. कार्यो के क्रम में रालामंडल, कैलोद और सिल्वर स्प्रिंग के चैनल जो कि लिंबोदी तालाब, बिलावली तालाब और कान्ह नदी का कैचमेंट एरियां है. निगम ने चैनल की डिसिल्टींग कर चेक डेम का निर्माण किया गया है. इसके बाद वहां बारिश के जल को संरक्षित किया गया.
पर्यावरण विशेषज्ञ ने बताया आसपास के चैनलों पर भी कार्य हुए
पर्यावरण विशेषज्ञ सुरेश एमजी ने बताया कि रालामंडल, कैलोद और सिल्वर स्प्रिंग के चैनल पर लिम्बोदी तालाब, कान्ह नदी और बिलावली तालाब के केचमेंट क्षेत्र का उदगम स्थल है. इसे ध्यान में रखते हुए, रालामंडल स्थित मिर्जापुर से चैनल को ट्रीट करने का कार्य शुरू किया गया. इसके लिए निगम और एक एनजीओ के माध्यम से उन चैनल को 2.5 मीटर चौड़ा और 3 मीटर गहरा किया गया. इसके साथ ही मिर्जापुर उदगम स्थल से लिम्बोदी तालाब तक पुरे चैनल को ठीक किया गया. इसमें स्टॉप डेम रिचार्ज्ड शाप्ट (रिव्हरर्स बोरवेल) का कार्य किया गया. आस-पास की चैनलों पर और भी कार्य किया गया है और चैनल की भू-जल संरचना, मिटटी संरचना भी बनाई गई.
किसानों को होगा फायदा
इसके परिणाम स्वरूप वर्षा जल संरक्षण के तहत अब चैनल ने नहर का रूप लिया है. इस दौरान चैनल से निकलने वाले मिटटी भी किसानो द्वारा खेती के उपयोग के लिए ली गई. पर्यावरण विशेष सुरेश एमजी ने यह भी बताया कि वर्षाकाल के दौरान शहर के विभिन्न नालों और चैनल के माध्यम से इंदौर का वर्षा जल क्षिप्रा नदी, चंबल नदी होते हुए गंगा नदी तक चला जाता है. अब वर्षा जल संरक्षण के साथ ही चैनल में बनाए गए स्टाप डैम और नाले को ट्रीट करने पर अब इंदौर का वर्षा जल अब इंदौर में ही रहेगा.
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