Indore Collector News: इंदौर कलेक्ट्रेट ने समय की पाबंदी को लेकर बड़ा कदम उठाया है. कलेक्टर ने घोषणा की है कि अगले माह से कर्मचारियों और अधिकारियों की तनख्वाह बायोमेट्रिक अटेंडेंस के आधार पर निकलेगी.


इसका मतलब है कि जो कर्मचारी और अधिकारी समय पर कार्यालय में उपस्थित नहीं होंगे, उनकी तनख्वाह काट ली जाएगी. यह व्यवस्था अगले दो माह में जिले भर के शासकीय कार्यालयों में लागू हो जाएगी. इस कदम से समय की पाबंदी को बढ़ावा मिलेगा और कार्यालयों में अनुशासन में सुधार होगा.


इंदौर कलेक्ट्रेट ने समय की पाबंदी को लेकर बड़ा कदम उठाया है. कलेक्टर ने घोषणा की है कि सितंबर से सभी सरकारी कर्मचारियों की सैलरी बायोमेट्रिक से निकलेगी. इसके लिए इंदौर जिले में सभी शासकीय कार्यालय में बायोमेट्रिक मशीनें लगाई जाएंगी. कलेक्टर कार्यालय से ही बायोमेट्रिक की शुरुआत होगी, जहां कलेक्टर स्वयं बायोमेट्रिक मशीन में अपना थंब लगाएंगे. आगामी दो महीने में पूरे जिले में बायोमेट्रिक व्यवस्था लागू हो जाएगी, जिससे समय की पाबंदी को बढ़ावा मिलेगा और कार्यालयों में अनुशासन में सुधार होगा.


उपस्थिति पंजी को भी नहीं किया गया था मेंटेन 
कलेक्टर आशीष सिंह ने कलेक्ट्रेट में विभिन्न विभागों के दफ्तर का औचक निरीक्षण किया, जहां उन्होंने पाया कि कई कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचे थे. सरकारी कर्मचारियों के लिए सुबह 10 बजे का समय निर्धारित है, लेकिन कई कर्मचारी 10 बजकर 10 मिनट तक ऑफिस नहीं आए थे. इसके अलावा, उपस्थिति पंजी को भी मेंटेन नहीं किया गया था. कलेक्टर ने इस लापरवाही के कारण 330 कर्मचारियों के वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने सभी कर्मचारियों को चेतावनी दी है कि वे समय का ध्यान रखें, नहीं तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी.


कार्यालयों में समय की पाबंदी बहुत जरूरी है
कलेक्टर ने कहा कि सरकारी कार्यालयों में समय की पाबंदी बहुत जरूरी है और कर्मचारियों को इसका पालन करना होगा. उन्होंने कहा कि आगे से ऐसी लापरवाही नहीं होनी चाहिए और कर्मचारी समय पर दफ्तर पहुंचे और अपने काम को पूरी तरह से करें.


इस निरीक्षण से पता चलता है कि सरकारी कार्यालयों में समय की पाबंदी को लेकर अभी भी लापरवाही है और कर्मचारी समय पर दफ्तर नहीं पहुंचते हैं. कलेक्टर के इस कदम से उम्मीद है कि सरकारी कार्यालयों में समय की पाबंदी में सुधार होगा और कर्मचारी अपने काम को पूरी तरह से करेंगे.


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