Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश कांग्रेस की नई कार्यकारिणी घोषित कर दी गई है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी की नई टीम में 117 नामों का ऐलान किया गया है. वहीं नई टीम के एलान के बाद से ही प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. कहा जा रहा है कि नई कार्यकारिणी घोषित होते ही पार्टी के भीतर विरोध के सुर उठने लगे हैं. 


कांग्रेस कार्यकारिणी में इंदौर के नेता प्रमोद टंडन को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है, लेकिन उन्होंने कार्यकारिणी में शामिल होने से इनकार करते हुए पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा, "स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण अपने दायित्वों का निर्वाह नहीं कर पाऊंगा."  हालांकि, सियासी गलियारों में चर्चा है कि प्रमोद टंडन किसी बड़े पद की मांग कर रहे थे, जो कि उन्हें नहीं मिला. इस वजह से उन्होंने ये फैसला लिया. 


जीतू पटवारी ने क्या कहा?
वहीं, कांग्रेस कार्यकारिणी को लेकर पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा, "कार्यकर्ता को, नेता को पार्टी के लिए काम करने का मन है, तो स्वभाविक है कि जातीय समीकरण, नेताओं-कार्यकर्ताओं की उम्र, क्षेत्रीय समीकरण का ध्यान रखा गया है. मैं मानता हूं कि और भी पार्टी के लोग हैं, जो पार्टी के लिए काम करना चाहते हैं, उनकी भी अपेक्षा होती है. उनका एहसास मुझे और पार्टी दोनों को है. ऐसे में जो बेहतर हो सकता था वहीं हुआ है. वहीं और भी जो हमारे पार्टी के लोग काम करना चाहते हैं उन्हें आगे अकोमोडेट किया जाएगा."


युवा नेताओं को मौका देने के सवाल पर जीतू पटवारी ने कहा, "राजनीति में संतुलन जरूरी है. यूथ की एनर्जी भी जरूरी है और सीनियर नेताओं की सूझबूझ की भी आवश्यकता है, तो दोनों को बैलेंस किया गया है." जीतू पटवारी ने बताया कि नकुलनाथ पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में शामिल हैं.






बीजेपी ने साधा निशाना
वहीं कांग्रेस की नई कार्यकारिणी को लेकर बीजेपी ने निशाना साधा है. बीजेपी प्रवक्ता नरेंद्र सालूजा ने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर एक वीडियो शेयर कर कहा, "मध्य प्रदेश कांग्रेस की 10 माह बाद घोषित कार्यकारिणी की सूची जारी होते ही बवाल शुरू हो गया है. इंदौर से प्रमोद टंडन ने इस्तीफा दे दिया है. जीतू पटवारी ने कई नेताओं के साथ खेला किया है. इसमें जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह के समर्थकों की भरमार है."


उन्होंने कहा, "वहीं कमलनाथ, अरुण यादव जैसे नेताओं के समर्थकों के नाम सूची से पूरी तरह से गायब हैं. जहां इस सूची में दिग्विजय सिंह और बेटे का नाम है. कांतिलाल भूरिया और उनके बेटे का नाम है, अरुण यादव और उनके भाई का नाम है. दूसरी तरफ कमलनाथ के बेटे नकुलनाथ का नाम सूची में नहीं है. वहीं कई सीनियर नेताओं का कदन घटा दिया है. ऐसे में इंदौर और भोपाल में बवाल मचना तय है."



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