Indore Latest News: इंदौर क्राइम ब्रांच ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 71 वर्षीय एक बुजुर्ग से फर्जी डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से ऑनलाइन ठगी की वारदात को अंजाम देने के मामले में गुजरात के अन्तर्राज्यीय गैंग के दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों से पुलिस अन्य मामलों में भी पूछतांछ कर रही है. आगे की कार्रवाई जारी है. दरअसल डिजिटल अरेस्ट के दर्जनों मामले इंदौर क्राइम ब्रांच के पास दर्ज किए जा रहे हैं.
NCRP पोर्टल पर 71 वर्षीय रिटायर्ड इंदौर निवासी फरियादी ने डिजिटल अरेस्ट के नाम से ऑनलाइन ठगी की शिकायत इंदौर क्राइम ब्रांच को की थी. सीनियर सिटीजन घनश्याम ने शिकायत दर्ज कराई है कि बांद्रा पुलिस थाने से फोन आया था. फोन करने वाले व्यक्ति ने अपने आप को पुलिस अधिकारी बताया.
अकाउंट मे हुआ 2 करोड़ 60 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन
ठगी करने वाले व्यक्ति ने बताया, "आपके केनरा बैंक अकाउंट में 2 करोड़ 60 लाख रुपये का ट्रांजेक्शन हुआ है और कैनरा बैंक के मैनेजर को हमने गिरफ्तार कर लिया है. उनके घर की तलाशी ली गई, जिसमें कई पासपोर्ट मिले, उसमें आपका भी पासपोर्ट मिला है और जो पैसा आपके अकाउंट में आया है, जिसका 15 प्रतिशत आपको कमीशन मिला है, ये पैसा मनी लांड्रिंग के तहत आया है. सीबीआई आपको गिरफ्तार करने आ रही है."
फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि हमारे अधिकारी से बात कीजिए और फिर दूसरे बदमाश ने उनको व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल कर गिरफ्तारी का डर दिखाकर कहा कि आरबीआई की गाइडलाइन के अनुसार आरबीआई का एक बैंक अकाउंट है, उसमें आप पैसा ट्रांसफर कर दो, यदि आपका पैसा लीगल हुआ तो आपकी रकम आपको वापस लौटा दी जाएगी.
पीड़ित ने 40 लाख 70 हजार रुपये किए फर्जी अकांउट में ट्रांसफर
पीड़ित व्यक्ति ने 40 लाख 70 हजार रुपये उस अकाउंट में ट्रांसफर कर दिए. बाद में पता चला कि उनके साथ फ्रॉड हुआ है. शिकायत करने पर इंदौर क्राइम ब्रांच ने मामला दर्जकर, जिस नंबर से कॉल आया था, किस अकाउंट में पैसा ट्रांसफर हुआ है, उसकी जांच शुरू कर दी. पुलिस ने ऑनलाइन ठगी से संबंधित 23 बैंक खातों को फ्रीज कर लिया. अंतरराज्यीय गैंग के दो आरोपी हिम्मत भाई देवानी और अतुल गिरी गोस्वामी को गिरफ्तार कर लिया गया. आरोपियों ने इससे पहले कई राज्यों में ठगी की वारदात को अंजाम दिया है.
पुलिस पूछताछ में आगे आरोपियों ने बताया कि वो फर्जी बैंक अकाउंट भी उपलब्ध करवाते हैं और वो उन अकाउंट की सारी डिटेल को अपने पास रखते हैं, जहां आगे उसके साथी वो अकाउंट को लेते हैं, जिसमें व्यक्ति का फोन नबंर जरूर जुड़ा हो, जिससे ओटीपी प्राप्त हो जाए. आगे ठगी करने वालों ने ये भी बताया कि इस गैंग में 20 से अधिक लोग और शामिल हैं, जो अलग-अलग राज्यों में ठगी की वारदात को अंजाम देते हैं. बहरहाल पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों से आगे की ओर जानकारी लेने में जुटी है.
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