Fraud Case News: इंदौर क्राइम ब्रांच ने हर्बल प्रोडक्ट कंपनी के नाम पर ठगी करनेवाले गिरोह का खुलासा किया है. तमिलनाडु में रहनेवाले पीड़ित ने क्राइम ब्रांच से शिकायत की थी. बाणगंगा थाना क्षेत्र के कालिंदी गोल्ड में कॉल सेंटर पर छापा मारकर गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया गया. तमिलनाडु के फरियादी को गैंग ने हर्बल मार्ट कंपनी की एरिया डीलरशिप दिलाने का वादा किया था. आरोपियों ने विश्वास में लेकर फरियादी को हर्बल प्रोडक्ट्स और कमीशन के नाम पर 30 हजार रुपए ठग दिए.
हर्बल कंपनी के नाम पर ठग गिरोह का खुलासा
ऑनलाइन मिल जाने के बावजूद फरियादी को ना तो प्रोडक्ट डिलीवर हुए और ना ही रकम मिली. ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने इंदौर क्राइम ब्रांच की शरण ली. क्राइम ब्रांच की टीम ने शिकायत के आधार पर तफ्तीश शुरू की. जानकारी मिलने के बाद ठगी करनेवाले कॉल सेंटर पर छापा मारकर महिला सरगना समेत छह आरोपियों को धर दबोचा. हर्बल मार्ट कंपनी, मोक्ष आयुर्वेदा, एएम इंटरप्राइजेज और डीएनएस इंटरप्राइजेज नाम से संचालित हर्बल प्रोडक्ट्स कंपनी की डिस्ट्रीब्यूटर डीलरशिप दिलाने के नाम पर ठगी करनेवाले कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया.
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हर चार माह में कॉल सेंटर हटा दिया जाता था
ठग गिरोह का नेटवर्क दूसरे राज्यों में भी फैला है. आरोपियों के पास से 14 मोबाइल, 32 सिमकार्ड, 01 लैपटॉप, 06 पासबुक, 4 चैकबुक, 12 एटीएम कार्ड, नगदी और ग्राहकों के डेटा सहित अन्य दस्तावेज बरामद भी किए गए हैं. क्राइम ब्रांच की पूछताछ में पता चला है कि इंदौर ठग गिरोह हर चार माह में स्थान बदल लेता था और कॉल सेंटर वाले शहर में बाहर से ताला लगाकर काम करता था ताकि किसी को किसी प्रकार का शक न हो सके.
तमिलनाडु के फरियादी ने की थी शिकायत
उपायुक्त क्राइम ब्रांच निमिष अग्रवाल ने बताया कि तमिलनाडु के एक फरियादी से शिकायत मिली थी. हर्बल प्रोडक्ट्स की फ्रेंचाइजी के नाम पर पैसे लिए गए हैं और अब कोई भी संपर्क नहीं कर रहा है. 6 धोखेबाजों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस अब आरोपियों से ठगी के अन्य मामलों में भी पूछताछ करेगी. पकड़े गए आरोपियों के नाम श्रीयशी पिता देवेंद्र शर्मा बताया जा रहा है.
श्रीयशी ठग गिरोह की सरगना है. अन्य आरोपियों के नाम असित पिता सुदर्शन पाइक, विजय पिता संतोष पटनारे, आकाश पिता सुनील विश्वकर्मा, नितेश पिता इंदर सिंह गुर्जर और प्रदीप सिंह पिता तेजसिंह ठाकुर बताया जा रहा है. बता दें कि गैंग 2 साल से ज्यादा समय से लोगों को चूना लगाने का काम कर रहा था. पूछताछ में उन्होंने 100 से ज्यादा लोगों को ठगने की बात कबूली है. गिरोह की महिला सरगना के अलावा अन्य सदस्य मूल रूप से इंदौर से बाहर के रहने वाले हैं.
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