Indore News Today: इंदौर में बढ़ते डेंगू के मामलों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने शहर में ड्रोन सर्वे शुरू किया है. बुधवार (10 जुलाई) को भंवरकुआं और विष्णुपुरी इलाकों में सर्वे किया गया, जिसमें मच्छरों के पनपने के कई स्थानों का पता चला है.


दरअसल, बारिश के मौसम में शहर में मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. जिससे मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है. वर्तमान में ड्रोन केवल इंदौर में तैनात हैं, लेकिन अगर डेंगू के मामलों में कमी दर्ज की जाती है तो ड्रोन की संख्या बढ़ाई जा सकती है.


लार्वा पैदा करने 198 स्थानों की पहचान
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. दौलत पटेल ने बताया कि 198 स्थानों पर खुले टैंक, टायर और लार्वा पैदा करने वाले रुके हुए पानी के माध्यमों की पहचान की गई है. इस तरह के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों से टैंकों को ढ़कने और रुके हुए पानी को खत्म करने को कह रही हैं. 


इन स्थलों पर लार्वा को खत्म करने के लिए केमिकल का छिड़काव करने के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे. डॉक्टर पटेल ने कहा कि शहर में तेजी से बढ़ रहे डेंगू के संक्रमण को रोकने और डेंगू मच्छरों को खत्म करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा.


इंदौर में डेंगू  का आंकड़ा सौ को पार
वर्तमान में इंदौर में डेंगू के मरीजों की संख्या 113 तक हो गई है. पहली बार स्वास्थ्य विभाग को हाई-टेक ड्रोन उपलब्ध कराए गए हैं, जो डेंगू नियंत्रण प्रयासों में तेजी लाएंगे. 


मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉक्टर बीएस सैत्या ने बताया कि ड्रोन पूरे राज्य में मच्छरों के हॉटस्पॉट की पहचान करने में भी मदद करेंगे.


ड्रोन से केमिकल का छिड़काव
बता दें, ड्रोन की मदद से मच्छरों के पनपने वाले क्षेत्रों को चिन्हित किया जाएगा. बड़ी इमारतें, खुले पानी के टैंक, टायर और कई अन्य स्थान हैं, जहां बारिश के पानी के कारण लार्वा विकसित हो सकते हैं. 


ऐसी स्थितियों में लार्वा को मारने वाले केमिकल का छिड़काव करने के लिए हाई-टेक ड्रोन का उपयोग किया जा रहा है. इससे डेंगू, मलेरिया और अन्य बीमारियों को जन्म देने वाले लार्वा को खत्म करने में मदद मिलेगी.


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