Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में MPPSC स्टूडेंट्स को जिला प्रशासन मप्र लोक सेवा आयोग के खिलाफ आंदोलन करने की अनुमति नहीं दे रहा है. लॉ एंड आर्डर का हवाला देकर स्टूडेंट्स को अनुमति देने से इंकार कर दिया गया. MPPSC स्टूडेंट्स ने 11 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार (12 फरवरी) को इंदौर जिला प्रशासन से अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर अनुमति मांगी थी, लेकिन प्रशासन ने शांतिपूर्ण आंदोलन करने की अनुमति नहीं दी.


स्टूडेंट्स ने इसको लेकर पुलिस प्रशासन और कलेक्टर आशीष सिंह और अन्य अधिकारियों को ज्ञापन देकर अनुमति मांगी थी, लेकिन जिला प्रशासन ने सभी छात्रों को अनुमति देने से मना कर दिया. वहीं जिला प्रशासन द्वारा कहा गया कि बिना अनुमति के यदि आंदोलन किया जाएगा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. स्टूडेंट्स ने कहा कि अपने अधिकारों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करने का हमारा अधिकार है, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण है कि संविधान को पढ़कर उच्च पदों पर पहुंचे अधिकारियों ने अनुमति देने से मना कर दिया. स्टूडेंट्स का कहना है कि क्या हमें अपनी बात रखने का भी अधिकार नहीं है?


छात्र करना चाहते हैं अनिश्चित कालीन हड़ताल
स्टूडेंट्स ने आरोप लगाया कि मप्र लोक सेवा आयोग ने स्टूडेंट्स के हित में फैसला नहीं किया गया, यह आयोग की तानाशाही है. इससे पहले आयोग ने ही परीक्षा की तैयारी के लिए 90 दिन देने की बात कही थी. आज वहीं आयोग स्टूडेंट्स को कॉम्प्रोमाइज करने के लिए कह रहा है और मुख्य परीक्षा के लिए महज 53 दिन का समय दिया है.


इस आंदोलन को लीड कर रहे आकाश पाठक ने बताया कि स्टूडेंट्स ने 34 घंटे तक MPPSC के सामने धरना दिया था. इसके बाद आयोग ने हमसे समय मांगा था, तो हमने 48 घंटे का समय आयोग को दिया था, लेकिन आयोग ने अभी तक स्टूडेंट्स के हित में फैसला नहीं लिया है. इसलिए अब सभी स्टूडेंट्स ने फैसला लिया कि हम अब अपनी 11 सूत्रीय मांगों के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे.



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