Indore News: 6 महीने के ट्रायल और 12 गवाह के बयानों के आधार पर जिला न्यायलय ने दो सगे भाइयों को हत्या के आरोप में 10 हजार रुपए के अर्थदंड और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.


क्या था पूरा मामला
दरअसल इंदौर के हीरा नगर थाना क्षेत्र में हुए हत्याकांड में जिला कोर्ट ने 2 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. घटना 2022 की है जब आरोपियों द्वारा हर्ष उर्फ शुभम को चाकुओं से गोदकर मौत के घाट उतार दिया था जिसके चलते हीरा नगर पुलिस ने आरोपी दीपक वर्मा और गौरव वर्मा दोनों सगे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया था. अब जिला न्यायालय ने दोनों हत्यारोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है साथ ही 10 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.


शुभम की मां ने दर्ज कराई थी शिकायत
दरअसल यह घटना 8 मई 2022 की है जब फरियादी इन्दू पति धर्मेन्द्र सिंह चौहान ने इंदौर के थाना हीरा नगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह न्यू गौरी नगर इंदौर में रहती है और सिक्यूरिटी गार्ड का काम करती है. उसके बेटे का नाम हर्ष उर्फ भय्यू उर्फ शुभम चौहान है. उसने कहा कि वह दोपहर जाम के बगीचा से होकर गौरी नगर मार्केट तरफ जा रही थी तो उसने देखा कि दीपक वर्मा और गौरव वर्मा जो कि आपस में भाई हैं उसके बेटे हर्ष और उसके दोस्त अक्षय कटारे के साथ मारपीट झगड़ा कर रहे हैं.


उतने में दीपक वर्मा ने चाकू निकाला और उसके बेटे हर्ष को जान से मारने की नियत से उसके बेटे हर्ष के पेट में घोंप दिया जिससे हर्ष के पेट से खून निकलने लगा और हर्ष बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा. इसके बाद दीपक और गौरव चाकू सहित वहां से भाग गए. इंदू ने कहा कि उसके बेटे को इलाज के लिए लखन व सागर यादव MYH लेकर गये जहां उसके बेटे ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया. इंदू के शिकायत पर दोनों सगे भाइयों दीपक व गौरव वर्मा को गिरफ्तार किया गया था.


पुलिस ने दोषियों को सलाखों के पीछे भेजा
अपर लोक अभियोजक सदाशिव  खंडेरे ने बताया कि पिछले साल मई माह में एक सनसनीखेज हत्याकांड का मामला सामने आया था, जहां दो भाइयों ने मिलकर हर्ष उर्फ भय्यू उर्फ शुभम को मौत के घाट उतार दिया था. आरोपियों ने चाकू से कई वार किए थे जिसमें हर्ष उर्फ भय्यू उर्फ शुभम की मौत हो गई थी. घटना के बाद पुलिस ने आरोपी दीपक वर्मा और गौरव वर्मा को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद मामले में पुलिस द्वारा केस डायरी जिला न्यायालय में पेश कर दी गई थी.


जिला न्यायलय द्वारा करीब 6 महीने चले इस केस में 12 बयानों के आधार पर पूरे मामले में आरोपियों को सख्त सजा सुनाते हुए 10,000 रुपए अर्थ दंड और आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. वहीं पुलिस ने आरोपियों को सलाखों के पीछे भेज दिया है.


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