Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के कई जिलों में पटाखा दुकान संचालित करने के लिए माफियाओं द्वारा अस्थाई रूप से लाइसेंस किराए पर दे दिया जाता है. ऐसे में इस तरह की शिकायत मिलने के बाद अब जिला प्रशासन ने ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू की है. इंदौर में यह देखने को भी मिल रहा है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा दुकानों पर लाइसेंस की जांच की जा रही है.


दरअसल, पटाखा दुकान संचालित करने के लिए अस्थाई रूप से लाइसेंस की आवश्यकता होती है. यह लाइसेंस जिला प्रशासन द्वारा दस्तावेज कार्रवाई पूरा होने पर उपलब्ध कराया जाता है. कई लोग प्रक्रिया को पूरा नहीं कर पाते हैं, इसलिए वो दूसरों से लाइसेंस किराए पर ले लेते हैं. इसके लिए 10 से 15 हजार रुपये की वसूली की जाती है.


बता दें लाइसेंस का स्थानांतरण नहीं हो सकता है. इसके अलावा यदि बिना लाइसेंस के दुकान संचालित की जाए तो जिला प्रशासन द्वारा कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. इसी बात को ध्यान में रखते हुए इन दिनों माफिया सक्रिय हो जाते हैं. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि पटाखा बाजार में किराए के लाइसेंस पर व्यापार करने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद दल गठित करते हुए जांच करवाई जा रही है.


दुकान पर मौजूद लोगों के नाम पते लिखे जा रहे हैं. इसके अलावा लाइसेंस से उनका मिलान भी किया जा रहा है. यदि लाइसेंस किराए पर देकर व्यापार करवाया जा रहा है, तो यह गलत है. ऐसे लोगों के लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे.


दुकानों के बीच पटाखा रखने पर बैन 
इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि दो दुकानों के बीच पटाखे रखना प्रतिबंधित है. दुकानों के बीच थोड़ी दूरी रखे जाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आपातकालीन स्थिति में बड़ी दुर्घटना को टाला जा सके. इंदौर में एसडीएम विनोद राठौर, तहसीलदार नारायण नांदेड़, एडिशनल एसपी रुबीना बिजवानी सहित अधिकारियों ने पटाखा दुकानों का निरीक्षण करते हुए आवश्यक निर्देश जारी किए.



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