Indore: इंदौर के बाबू ने क्लबों में दिल खोलकर लुटाया सरकारी धन, कॉल गर्ल और गर्लफ्रेंड के साथ अय्याशी के आरोप
Indore News: लिपिक ने शुक्रवार को मुंबई और गोवा के होटलों-क्लबों में धन उड़ाने की बात कबूली है. जिलाधिकारी कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ लिपिक मिलाप चौहान ने मीडिया के सामने गबन की बात कबूल की.
Indore Crime News: इंदौर जिलाधिकारी कार्यालय के लिपिक ने अय्याशी और मौज मस्ती में जमकर सरकारी धन लुटाए. 42 वर्षीय लिपिक मिलाप चौहान पर 5.68 करोड़ रुपये के कथित गबन में शामिल होने का आरोप है. लिपिक ने शुक्रवार को मुंबई और गोवा के होटलों-क्लबों में धन उड़ाने की बात कबूली है. उसने एक फार्म हाउस भी खरीदा है.
जिलाधिकारी कार्यालय की लेखा शाखा में पदस्थ लिपिक मिलाप चौहान ने मीडिया के सामने गबन की बात कबूल की. गिरफ्तारी के बाद पुलिस आरोपी लिपिक को जिला अदालत में पेश करने की तैयारी कर रही थी.
मौज मस्ती पर लिपिक ने उड़ाए सरकारी धन
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अदालत ने अभियोजन की अर्जी पर चौहान को 28 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है. पुलिस हिरासत में भेजे जाने से पहले चौहान ने संवाददाताओं को बताया,‘‘मैंने अधिकांश धन पार्टी करने और घूमने-फिरने में उड़ाया है. मैंने मुंबई के होटलों में भी धन खर्च किया है. हम चार-पांच दोस्त होटल में नाचने वाली लड़कियों पर धन उड़ाते थे.
हम क्लब जाते थे और रात भर शराब पीकर नाचते थे.’’ लिपिक दोस्तों के साथ दो बार गोवा भी जा चुका है. चौहान ने आगे एक फार्म हाउस खरीदने की बात भी बताई. उसने बताया कि फार्म हाउस को बेचना चाहता है और बिक्री से मिलने वाली पूरी रकम सरकार को देना चाहता है.
28 अन्य लोगों पर भी गबन मामले में प्राथमिकी
लिपिक ने दावा किया कि वर्ष 2020 से 2022 के बीच हुए गबन में से उसने केवल दो करोड़ रुपये लिए हैं और बाकी धन अन्य आरोपियों ने रखा है. रावजी बाजार पुलिस थाना प्रभारी प्रीतम सिंह ठाकुर ने बताया कि चौहान के अलावा 28 अन्य लोगों पर भी गबन मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई है और बाकी आरोपियों की तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि आरोपियों में जिलाधिकारी कार्यालय का एक अन्य लिपिक रणजीत और चपरासी अमित निम्बालकर भी शामिल है.
अतिरिक्त जिलाधिकारी (एडीएम) राजेश राठौर ने बताया कि गबन की शुरुआत वर्ष 2020 से हुई और जिलाधिकारी कार्यालय में पदस्थ आरोपी अलग-अलग योजनाओं के लाभार्थियों को मिलने वाली रकम और अन्य सरकारी भुगतान की राशि परिजनों, नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों के करीब 25 बैंक खातों में फर्जीवाड़ा कर जमा कराते थे. उन्होंने बताया कि ऑनलाइन अंतरण के वक्त तकनीकी त्रुटि की वजह से असफल हो जाने पर सरकारी भुगतान को आरोपी परिजनों, नजदीकी रिश्तेदारों और परिचितों के खातों में फर्जी तरीके से जमा करा देते थे जबकि उन्हें संबंधित त्रुटि दूर करके वास्तविक लाभार्थियों तक रकम पहुंचानी चाहिए थी.
यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi News: राहुल गांधी की सदस्यता रद्द होने पर कांग्रेसियों में आक्रोश, भोपाल में रेल रोककर किया गया प्रदर्शन