Indore Doctors Strike: मध्य प्रदेश सहित समूचे देश में जूनियर डॉक्टर्स आज हड़ताल पर रहे. दरअसल, पूरा मामला नीट पीजी ( NEET PG) काउंसलिंग में देरी के विरोध से जुड़ा है. इंदौर में भी जूनियर डॉक्टरों ने हड़ताल कर केंद्र सरकार और सर्वोच्च न्यायालय से मामले में दखल देने की गुहार लगाई. उन्होंने नीट पीजी काउंसलिंग की तारीख जल्द निर्धारित करने की मांग की ताकि नए डॉक्टर की भर्ती प्रकिया शुरू हो सके. इंदौर में जूडा ने एमवाय अस्पताल की ओपीडी का काम बंद किया और परिसर में जमकर नारेबाजी की. इंदौर सहित समूचे देश में कोरोना काल के दौरान डॉक्टर्स ने फ्रंट लाइन वॉरियर के तौर पर काम किया है.


पीजी काउंसलिंग के परिणाम घोषित नहीं होने से अब तक नए डॉक्टरोंं की भर्ती नहीं की गई है. लिहाजा, डॉक्टर्स के कांधों पर काम का भारी लोड आ रहा है. इसके चलते मानसिक तनाव का शिकार भी होना पड़ रहा है. काउंसलिंग के परिणाम न आने से 35 प्रतिशत डॉक्टर्स की भर्ती नहीं हो पा रही है. जिसके चलते काम का सारा दबाव 65 प्रतिशत डॉक्टर्स पर पड़ रहा है. इसका असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है. जूडा के प्रवक्ता डॉक्टर राकेश ने बताया कि मेडिकल पीजी परीक्षा के बाद जूनियर डॉक्टर अस्पताल में आते हैं और जनवरी में होनेवाली परीक्षा देरी से सितंबर में हुई और काउंसलिंग का परिणाम आने से पहले ही ओबीसी में 27 प्रतिशत और ईडब्ल्यूएस में 10 प्रतिशत आरक्षण आया और मामला सुप्रीम कोर्ट तक चला गया.


ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है, जिस पर 6 जनवरी को निर्णय आने की बात की जा रही है. ऐसे में जूडा मांग करता है कि मामले को फास्ट ट्रैक के आधार सुनवाई की जाए. उन्होंने ये भी चेतावनी दी कि फैसला अगर जूडा के पक्ष में नहीं आता है तो मजूबरन डॉक्टर्स को सभी काम बंद करना पड़ेंगे. बता दें कि इंदौर में 350 जूनियर डॉक्टर काम कर रहे हैं जबकि क्षमता के हिसाब से 35 प्रतिशत डॉक्टर्स की कमी है जिसका सीधा बोझ जूनियर डॉक्टरों पर पड़ रहा है. इसी का परिणाम है कि विरोधस्वरूप इंदौर में नारेबाजी और हड़ताल की गई है. 


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