Indore News: मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की आर्थिक राजधानी इंदौर (Indore) में लोकायुक्त ने बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए बिजली विभाग (Electricity Department) के एक अफसर को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया है. दरअसल, शिकायतकर्ता के घर पर बिजली विभाग के उड़नदस्ते ने कार्रवाई की थी और बिजली चोरी का मामला दर्ज किया था. जिसके बाद शिकायतकर्ता ने बिजली शुरू करवाने के लिए नियमानुसार 30 हजार रुपये विजिलेंस विभाग में जमा करा दी थी, लेकिन बिजली विभाग के कनिष्ठ यंत्री ने आवेदक से पूरे मामले के निपटारे के लिये 40 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की. जिसकी पहली किश्त 10 हजार रुपए उसने ड्राईवर के जरिए लिए. लेकिन अब अधिकारी आफत में पड़ गया है. वहीं लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी अधिकारी के ड्राईवर पर भी प्रकरण दर्ज किया है.
उभोक्ता ने लोन लेकर जमा किए थे 30 हजार
दरअसल पूरा मामला एमपीईबी इंदौर के डेली कालेज झोन का है. इस झोन के आजाद नगर में रहने वाले सुजाद खान के घर पर मार्च 2021 में एमपीईबी की विजिलेंस टीम ने छापा मारकर कार्रवाई कर बिजली चोरी का प्रकरण दर्ज किया और राशि नहीं जमा करने पर 15 दिन पहले ही सुजाद के घर का बिजली का कनेक्शन काट दिया था.
बिजली चोरी के मामले के बाद सुजाद ने कुछ दिन पहले ही घर पर रखे सोने पर लोन लेकर 30 हजार रूपये की राशि विजिलेंस में भरकर अपने घर की बिजली शुरू करवाई थी. वहीं जब इस प्रकरण के बारे में बिजली विभाग के कनिष्ठ अधीक्षण यंत्री गया प्रसाद वर्मा ने अपने ड्राईवर गयासुद्दीन के जरिये सुजाद को संदेश पहुंचाया कि उसने अगर चालान की 83 हजार की रकम जल्द नहीं जमा की तो वापस से उसके घर की बिजली काट दी जाएगी.
इन धाराओं में मामला दर्ज
वहीं गयासुद्दीन ने सुजाद के सामने अफसर द्वारा की गई 40 हजार की रिश्वत की डिमांड की, तो परेशान उपभोक्ता ने लोकायुक्त की शरण ली. जिसके बाद मंगलवार दोपहर में रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रुपये देते वक्त ड्राईवर और अधिकारी को लोकायुक्त पुलिस ने ट्रेप कर भ्रष्टाचार निवारण संशोधन अधिनियम 2018 की धारा-7 और आईपीसी की धारा 120 - बी के तहत प्रकरण दर्ज गिरफ्तार कर लिया है.
अधिकारी ने की 40 हजार में मामला निपटाने की बात
शिकायतकर्ता सुजाद खान ने बताया कि 83 हजार रुपये की चालानी कार्रवाई मार्च 2021 में की गई थी और हाल ही में उसने 30 हजार रुपये विजिलेंस में जमा कराए थे. वहीं इसके बाद अफसर गयाप्रसाद वर्मा ने उसके पास संदेश भेजा की अगर बची रकम जल्द नही भरी गई तो राशि बढ़कर 1 लाख 10 रुपये तक पहुंच जाएगी. वहीं अधिकारी के ड्राईवर ने संपर्क कर कहा कि 40 हजार रुपये में पूरे मामले का समाधान हो जाएगा.
रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
वहीं इसके बाद फरियादी ने लोकायुक्त पुलिस की शरण ली और आज जब तय बात के हिसाब से रिश्वत की पहली किश्त 10 हजार रुपये देने सुजाद पहुंचा तो लोकायुक्त पुलिस ने ड्राईवर और अफसर को गिरफ्तार कर लिया. लोकायुक्त पुलिस के मुताबिक दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कार्रवाई शुरू कर दी गई है.