MP News: लालबाग, हरसिद्धि, गांधी हॉल, या संजय सेतु में कहीं एक जगह शिफ्ट होगी इंदौर की फेमस सराफा चौपाटी
Chowpatty Indore: इंदौर की सराफा चौपाटी में 80 दुकानें रजिस्टर्ड हैं. बाकी की लगभग 200 दुकानें अवैध हैं. यहां पहले पारंपारिक खानपान मिलता था, लेकिन अब चाईनीज, फास्ट फूड ने यहां पेंठ बना ली है.
Indore News: इंदौर (Indore) में सराफा चौपाटी के लिए गठित समिति द्वारा सराफा और चौपाटी व्यापारियों के साथ नगर निगम (Municipal Corporation) में अहम बैठक का आयोजन किया गया, जहां दुकान संचालन से लेकर चौपाटी को कहीं और शिफ्ट करने पर चर्चा हुई. सराफा चौपाटी के लिए गठित समिति की बैठक समिति के अध्यक्ष राजेंद्र राठौर, समिति सदस्य निरंजन सिंह चौहान, अश्विन शुक्ला, मीता रामबाबू राठौर, सराफा सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन और सराफा चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन की उपस्थिति में महापौर सभाकक्ष में आयोजित हुई.
चौपाटी को शिफ्ट करने का सुझाव
इस बैठक में सराफा सोना-चांदी व्यापारी एसोसिएशन और सराफा चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन ने अपनी-अपनी बात रखी. सराफा चौपाटी में 80 दुकानें रजिस्टर्ड हैं. बाकी की लगभग 200 दुकानें अवैध हैं. यहां पहले पारंपारिक खानपान मिलता था, लेकिन अब चाईनीज, फास्ट फूड ने यहां पेंठ बना ली है. समिति अध्यक्ष और सदस्यों ने चौपाटी को लालबाग, हरसिद्धि, गांधी हॉल, संजय सेतु या कहीं और शिफ्ट करने का सुझाव भी दिया, जहां रजिस्टर्ड व्यापारियों को जगह दी जा सकती है.
नए स्थान पर पार्किंग और बाकि सभी सुविधा का ध्यान रखा जाएगा. चौपाटी हटाने के लिए सराफा और चौपाटी व्यापारियों द्वारा अपनी सहमति दी गई. नए स्थान पर चौपाटी लगाने से दिन में भी वहां व्यापार किया जा सकेगा. दरअसल, पहले चौपाटी की दुकानों में बाहर से बना हुआ खाना लाकर बेचा जाता था, लेकिन अब सभी दुकानों पर मौके पर ही व्यंजन बनाए जाते हैं. दुकानें लगाने-बंद करने के दौरान गैस की टंकियां लगाई और निकाली जाती हैं, जिससे गैस रिसने का खतरा बना रहता है.
गैस कंपनी की लाइन बिछाना संभव नहीं
इतना ही नहीं एक गैस टंकी से तीन मुंह का नोजल लगाकर, अलग-अलग चुल्हे जलाए जाते हैं, जिससे दुर्घटना की संभावना बनती है. चौपाटी गली छोटी, संकरी और भीड़ ज्यादा होने से यहां दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है. साथ ही आग लगने की स्थिति में फायर ब्रिगेड का पहुंचना संभव नहीं होगा. चौपाटी के लिए आवंतिका गैस कंपनी की लाइन बिछाना संभव नहीं है. सराफा बाजार के पीछे स्थित धानगली में जेवरात गढ़ने वाले कारीगरों के लिए गैस लाइन बिछाई जा सकती है. इस संबंध में गैस कंपनी की कलेक्टर से बातचीत हो गई है.
इधर बताया गया कि सराफा चौपाटी का समय रात नौ बजे के बाद का है, लेकिन व्यापारियों द्वारा सात बजे से दुकानें लगाने की तैयारी कर ली जाती है. सराफा व्यापारियों के दुकानों का समय रात नौ बजे तक होता है. जिससे क्षेत्र में भीड़ बढ़ना और पार्किंग जैसी समस्या सामने आती है. चौपाटी बंद करने का समय पहले रात 11.30 बजे का होता था, जिसे रात दो बजे तक बढ़ाया गया. इससे क्षेत्र में देर रात तक भीड़ रहती है और स्थानीय रहवासियों को भी असुविधा होती है.
80 दुकानदार रजिस्टर्ड
चौपाटी व्यापारी एसोसिएशन के सदस्यों ने बताया कि एसोसिएशन में 80 दुकानदार रजिस्टर्ड हैं. मोरसली गली तक लगने वाली दुकानें उनके एसोसिएशन की हैं. बाकी दुकानें अवैध हैं. चौपाटी व्यापारियों द्वारा सुझाव दिया कि उनके द्वारा इलेक्ट्रीक/इंडक्शन गैस, चुल्हे, ऑटोकट सिलेंडर या रेग्युलेटर का उपयोग किया जाएगा, लेकिन हकीकत में यह संभव नहीं होगा. चौपाटी व्यापारियों द्वारा बताया कि निर्धारित लाइन के आगे पांच फुट तक दुकानें लगती हैं. इन्हें पीछे किया जाए तो 10 फुट तक सड़क चौड़ी हो सकती है.
ये भी पढ़ें- Datia News: हर्ष फायर में चली गई चार साल के मासूम की जान, पिता भी घायल, आरोपी और पीड़ित दोनों दूल्हे के रिश्तेदार