Call Center Fraud Case: इंटरनेशनल कॉल के जरिये अमेरिकी नागरिकों से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी मामले में नया मोड़ आ गया है. अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने इंदौर क्राइम ब्रांच से रिपोर्ट मांगी है. अमेरिकी अधिकारियों ने इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी निमिश अग्रवाल से करीब 25 मिनट फोन पर चर्चा की. आपको बता दें कि डेढ़ साल पहले इंदौर की विजय नगर और लसूड़िया पुलिस ने इंटरनेशनल कॉल के जरिये धोखाधड़ी करने वाले करीब 23 लोगों को गिरफ्तार किया था.
कॉल सेंटर के जरिए अमेरिकी नागरिकों को ठगने का मामला
आरोपी इंदौर में कॉल सेंटर के जरिये खुद को अमेरिकी सिक्योरिटी कार्ड विभाग का अफसर बताते थे और ड्रग्स ट्रैफिकिंग, मनी लॉन्ड्रिंग, एंटी नेशनल एक्टिविटी केस हाथ में होने के नाम पर लोगों से रुपये वसूल लेते थे. 100 से अधिक अमेरिकी नागरिकों ने दूतावास में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी. क्राइम ब्रांच ने कार्रवाई करते हुए करीब डेढ़ साल पहले करीब 23 लोगों को गिरफ्तार किया. डीसीपी क्राइम निमिश अग्रवाल के अनुसार एक आरोपी करन भट्ट है अभी भी फरार है. कॉल सेंटर का मैनेजर जोशी फ्रांसीसी की कस्टडी के दौरान कोविड से हॉस्पिटल में मौत हो चुकी है.
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अमेरिकी जांच एजेंसी ने पुलिस से मांगा कार्रवाई का रिकॉर्ड
आईटी हेड जयराज सहित कॉल सेंटर के 19 कर्मचारियों को जमानत मिल चुकी है. उन्होंने बताया कि मामले में अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई ने आरोपियों का रिकॉर्ड मांगा है. 6 कॉल सेंटर से क्राइम ब्रांच को 10 लाख अमरीकी नागरिकों का डाटा भी मिला था. आरोपी एक ही दिन में दस लाख रुपए से अधिक की धोखाधड़ी आसानी से कर लेते थे. अब जल्द ही अमेरिकी जांच एजेंसी एफबीआई आरोपियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पूछताछ करेगी. गौरतलब है कि इंदौर में ठगी का पहला ऐसा मामला है जब अमेरिका की जांच एजेंसी ने आरोपियों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई का रिकॉर्ड मांगा है.
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