Indore News: बीते दिनों इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी इस बात को कहा था कि इंदौर के लोग दुनिया का सबसे महंगा पानी पी रहे हैं क्योंकि इस पानी को इंदौर तक आने के लिए करीब 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और इतनी दूर से यहां तक लोगों को पीने का पानी लिफ्ट करके पहुंचा जा रहा है इसमें मशीनरी और में पावर भी लगता है और करोड़ों रुपए का खर्च हर महीने होता है .
इंदौर में भूजल स्तर लगातार गिरता जा रहा है. 2022 में जहां भूजल स्तर 150 मीटर पर था वहीं एक साल बाद 2023 में यह 10 मीटर तक गिरकर करीब 160 मीटर पर पहुंच गया अगर इंदौर में यही हालात रहे तो आने वाले कुछ समय में इंदौर भी बेंगलुरु की कैटेगरी में आकर खड़ा हो जाएगा जहां पर आज जल संकट सबसे बड़ी समस्या है.
ग्राउंड वाटर के लेवल को बढ़ाने के लिए लगातार कोशिश है चल रही हैं और इसी को लेकर के अब देश का नंबर एक स्वच्छ शहर इंदौर अपने प्रयासों में तेजी ला रहा है.
पिछले कुछ सालों में इंदौर में ग्राउंडवाटर लेवल को बढ़ाने के लिए लोगों को प्रेरित किया गया और घर में ही वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का अनुरोध किया गया जिसे लोगों ने स्वीकार किया और आज इंदौर के कई घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है जो बारिश के पानी को सहेजता और उसे जमीन के अंदर तक पहुंचाता है बारिश का पानी जमीन के अंदर पहुंचने के बाद ग्राउंड लेटर ग्राउंड वाटर लेवल बढ़ता है और लोगों के बोरिंग गर्मियों में भी पानी देते हैं.
हालांकि अभी इस पर बहुत काम होना बाकी है लेकिन इसकी शुरुआत तो कम से कम हुई है और इंदौर के लोग इसे अपनाना शुरू कर रहे हैं वहीं दूसरी और अगर बात की जाए व्यावसायिक प्रतिष्ठानों की तो वहां पर भी इंदौर नगर निगम ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम जरूरी कर दिया है इसके बिना नक्शे पास नहीं किया जा रहे हैं न ही व्यावसायिक भवनों के निर्माण की अनुमति दी जा रही है. 1500 स्क्वायर फीट के भवन से लेकर बड़े से बड़े भवनों के निर्माण में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगवाना जरूरी है आने वाले समय में इस पर और सख्ती की जाएगी.
इंदौर में बड़े स्तर पर लेवल पर पौधारोपण अभियान
भूजल संरक्षण के लिए पूरी दुनिया चिंतित है देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने भाषण में कई बार कह चुके हैं कि हमें प्रकृति का दोहन करने से ज्यादा उसके रक्षा पर ध्यान देना ज्यादा जरूरी है जो हम धरती से लेते हैं वह हमें उसकी लौटना भी है और उसे लौटने का एक ही तरीका है कि अपने कर्तव्य का पालन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से करें और प्रकृति बचाने के लिए हमसे जो कुछ हो सकता है उसे प्रयास में कोई कमी ना रहे इसका ध्यान रखें इसी के तहत इंदौर में बड़े स्तर पर लेवल पर पौधारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है .
7 जुलाई से इंदौर में 14 जुलाई तक करीब 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे नगरी प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गी का मानना है कि पौधारोपण के बाद में केवल हमें शुद्ध हवा मिलेगी गर्मी से राहत मिलेगी बल्कि भूजल स्तर भी बढ़ेगा. भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए पेड़ों का लगाना बहुत जरूरी है और इस सिलसिले में इंदौर में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है.इंदौर के लोग दुनिया का सबसे महंगा पानी पी रहे हैं
आपको बता दें कि पिछले कुछ सालों में इंदौर में जल संकट गहरा गया था लेकिन नर्मदा के आने के बाद इंदौर के लोगों को थोड़ी राहत मिली है.
बीते दिनों इंदौर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने भी इस बात को कहा था कि इंदौर के लोग दुनिया का सबसे महंगा पानी पी रहे हैं, क्योंकि इस पानी को इंदौर तक आने के लिए करीब 70 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ता है और इतनी दूर से यहां तक लोगों को पीने का पानी लिफ्ट करके पहुंचा जा रहा है.
इसमें मशीनरी और में पावर भी लगता है और करोड़ों रुपए का खर्च हर महीने होता है इस खर्च को कम करने और इंदौर और उसके आसपास के जल स्रोतों को पुनः जीवित करने का काम अब शुरू हो रहा है .
इसके लिए इंदौर नगर निगम ने लोगों को सुविधा दी है कि वह नगर निगम के माध्यम से एक्सपर्ट की राय लेकर के अपने घर पर या अपने प्रतिष्ठान पर भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए योजना का लाभ उठा सकते हैं इसके अलावा नदी नहर और तालाबों के संरक्षण को लेकर भी इंदौर नगर निगम कम कर रहा है इनकी सफाई पर भी ध्यान दिया जा रहा है ताकि कीचड़ हटाकर ज्यादा से ज्यादा पानी को स्टोर किया जा सके.
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