मध्य प्रदेश में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित इंदौर जिले में स्वास्थ्य विभाग के एक शीर्ष अधिकारी को अपना एक ‘‘सख्त’’ फरमान कर्मचारियों के विरोध के बाद चंद घंटों के भीतर वापस लेना पड़ा है. विभागीय सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. बीएस सैत्या ने गुरुवार को एक लिखित आदेश जारी किया था. इसमें स्वास्थ्य अमले के सभी अधिकारी-कर्मचारियों को ‘‘निर्देशित’’ किया था कि वे अपना मोबाइल फोन ‘‘चौबीसों घंटे, सातों दिन’’ चालू रखें.


सूत्रों के मुताबिक सीएमएचओ ने अपने आदेश में जिले के स्वास्थ्य कारिंदों को शनिवार को भी दफ्तर आकर नियमित काम-काज निपटाने को कहा था, जबकि राज्य के सामान्य प्रशासन विभाग के गत 22 अक्टूबर को जारी आदेश में सभी सरकारी कार्यालयों के कर्मचारियों से कहा गया था कि वे 31 मार्च तक सोमवार से शुक्रवार काम करें. यानी फिलहाल इन कर्मचारियों को हफ्ते में दो दिन-शनिवार और रविवार को अवकाश है.


राज्य कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष शिवनारायण शर्मा ने कहा कि उनके संगठन ने सीएमएचओ के फरमान पर विरोध जताया था. उन्होंने कहा कि यह आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के प्रदेश भर में काफी पहले से लागू आदेश का सरासर उल्लंघन करता है. उधर, सीएमएचओ सैत्या ने कहा,‘‘मैंने मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में दर्ज शिकायतों के जल्द से जल्द निपटारे और स्वास्थ्य विभाग के अन्य लम्बित कामों को पूरा करने के लिए गुरुवार को आदेश जारी किया था जिसे मैंने इसी दिन वापस ले लिया था.’’


सैत्या ने माना कि उनका आदेश सामान्य प्रशासन विभाग के पहले से प्रभावी उस आदेश की रोशनी में उचित नहीं था जिसमें सरकारी कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिन ही काम करने को कहा गया है.


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