Indore High Court: मध्य प्रदेश के इंदौर शहर के विजय नगर थाना क्षेत्र में अनुभूति विजन सेवा संस्थान में 16 वर्षीय नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद मानसिक रूप से अस्वस्थ बालिका के छह माह के गर्भ को हटाने के लिए उसके परिजनों ने इंदौर हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी. इसमें पीड़िता का गर्भपात कराने के लिए परिवार ने हाईकोर्ट से अनुमति मांगी थी. मामले में कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड का गठन कर विशेष चिकित्सकों से जांच कराने के बाद उसे गर्भपात की अनुमति प्रदान कर दी है.


परिजनों ने हाईकोर्ट में लगाई थी याचिका
अधिवक्ता अभिजीत पांडे ने बताया कि पीड़िता के परिवार की ओर से अधिवक्ता लक्की जैन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाकर गर्भपात कराने की अनुमति मांगी गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए मेडिकल बोर्ड बनाकर विशेष चिकित्सकों से जांच कराने के निर्देश दिए गए थे. इसकी रिपोर्ट पर संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस रूसिया ने गर्भपात कराने की अनुमति दे दी है.


डीएनए सैंपल रिजर्व करने का निर्देश
हालांकि, याचिका में मामले की निष्पक्ष जांच की मांग भी की गई थी, क्योंकि पीड़िता आरोपी को पहचानने में असमर्थ है. वह मानसिक रूप से दिव्यांग है. इसके चलते उसका डीएनए सैंपल रिजर्व करने के निर्देश भी दिए गए हैं. फिलहाल मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी.


मानसिक रूप से दिव्यांग है पीड़िता
बता दें कि इंदौर के विजय नगर स्थित अनुभूति विजन सेवा संस्थान में रह रही नाबालिग बालिका के साथ बीते दिनों दुष्कर्म की घटना के बाद 6 माह के गर्भ की बात सामने आई थी. पीड़िता मानसिक रूप से दिव्यांग होने के कारण किसी भी तरह से आरोपी के बारे में जानकारी देने में अक्षम है. जानकारी हो कि इस मामले में विजय नगर पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ़ पॉक्सो एक्ट सहित दुष्कर्म की घटना में केस दर्ज किया था. पुलिस मामले की जांच कर रही है. 


यह भी पढ़ें: Indore Murder Case: बहन को मैसेज भेजे जाने से भाइयों का भड़का गुस्सा, नाबालिग लड़के की चाकू मारकर कर दी हत्या