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IND Vs NZ: हाईकोर्ट ने खारिज की कांग्रेस नेता की याचिका, 25 हजार का लगाया जुर्माना
Indore High Court: इंदौर हाईकोर्ट से कांग्रेस नेता को झटका लगा है. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने याचिका को लोकप्रियता हासिल करने का माध्यम बताते हुए याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाया है.
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India vs New Zealand ODI Match: भारत बनाम न्यूजीलैंड मैच में टिकट कालाबाजारी के आरोप को खारिज करते हुए इंदौर हाईकोर्ट (Indore High Court) ने याचिकाकर्ता पर 25 हजार रु का जुर्माना लगाया है. बता दें कि इंदौर के होलकर स्टेडियम में 24 जनवरी को तीन मैचों की श्रृंखला का अंतिम मैच होना है. कांग्रेस नेता (Congress Leader) राकेश यादव ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (MPCA) को कठघड़े में किया था.
फैसले के बाद याचिकाकर्ता राकेश सिंह यादव ने कहा कि है कि वकीलों से सलाह लेकर आगे कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. उन्होंने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट (SC) में चुनौती देने की बात कही है. याचिका में कहा गया था कि एमपीसीए ने 12 जनवरी को टिकट की बिक्री सुबह 6 बजे ऑनलाइन शुरू की थी. पेटीएम इनसाइडर साइट से मात्र 1 मिनट में 3 हजार 118 टिकट बिक गए और अगले दूसरे मिनट में 1600 टिकट बिके.
'याचिका लोकप्रियता हासिल करने का हथकंडा'
पांच मिनट के अंदर 6 हजार 260 टिकट बेच दिए गए. 15 मिनट में सभी सस्ती कैटेगरी के टिकटों की बिक्री संभव नहीं है. याचिकाकार्ता का कहना था कि बैंकिंग ट्रांजेक्शन होने में डेढ़ से दो मिनट का समय लग ही जाता है. ऐसे में ऑनलाइन टिकट बिक्री के नाम पर बड़ी गड़बड़ी की गई है. हाईकोर्ट की डबल बेंच ने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता ने आरोपों की प्रामाणिकता जांचे बगैर केवल सस्ती लोकप्रियता हासिल करने के लिए याचिका दायर की है. जनहित याचिका न्यूज पेपर की कटिंग के आधार पर लगाई गई है, जो मैंटेनबल नहीं है.
'MPCA में भ्रष्टाचार के खिलाफ जारी रहेगी जंग'
याचिका की सुनवाई में हाईकोर्ट का समय बर्बाद हुआ है. इसलिए याचिकाकर्ता पर 25 हजार का जुर्माना लगाया जाता है. एमपीसीए की ओर से तर्क दिए गए थे कि सभी टैक्स चुकाए गए हैं. ऑडिटर ने किसी तरह की आर्थिक अनियमितता नहीं पाई है और ना ही टिकट बुकिंग के दौरान साइट क्रैश हुई है. याचिकाकर्ता ने केवल एक सांध्य न्यूज पेपर में छपी न्यूज को आधार बनाकर पीआईएल लगाई है. न्यायमूर्ति एसए धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति प्रकाशचंद्र गुप्ता ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर करते हुए याचिका 18 जनवरी को खारिज कर दी है. याचिकाकर्ता राकेश सिंह यादव का कहना है कि फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी जाएगी. एमपीसीए में क्रिकेट के नाम पर हो रहे भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए जंग जारी रहेगी.
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