इन्दौर:   मेट्रोमोनियल साइट के जरिए प्रेम विवाह करने वाली इंदौर निवासी एक महिला को जिला न्यायालय से राहत मिली है. महिला को शादी के बाद से ही उसका पति प्रताड़ित कर रहा था. तो वही ससुराल वालों ने दहेज की मांग करते हुए महिला को घर से निकाल दिया था. अब जिला कोर्ट ने महिला के पक्ष में आदेश दिया है. दरअसल सोमवार को जिला कोर्ट ने पीड़िता के पति, सास और ननद के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया. 

 

ये है पूरा मामला

दरअसल इंदौर के सुख समृद्धि कॉलोनी में रहने वाली पीड़िता ने वर्ष 2020 में  jeevansathi.com  की मदद से दुबई में रहने वाले संजय नामक व्यक्ति से 01.03.2020 को सायाजी होटल में शादी की थी. पीड़िता के मुताबिक शादी के बाद संजय उसे अपने साथ दुबई ले गया. वहां गर्भवती होने पर उसे शारीरिक व मानसिक प्रताड़ित करते हुए आए दिन उसके साथ मारपीट करने लगा जिसकी शिकायत महिला ने दुबई पुलिस को भी की थी. इलाज करवाने में असमर्थता जताते हुए संजय ने महिला को दुबई से इंदौर स्थित ससुराल भेज दिया जहां ससुराल वालों ने भी पीड़िता को प्रताड़ना देते हुए गर्भपात कराने का दबाव बनाया.  बात नहीं मानने पर उसे अप्रैल 2021 में घर से निकाल दिया गया. जिसके बाद पुनः अगस्त 2021 को ससुराल जाने पर प्रताड़ित किया गया ओर 60 लाख रुपयों की डिमांड की भी गई.  महिला 2 नवम्बर 2021 को इन्दौर लौट आई . इस दौरान  उसने एक बच्चे को भी जन्म दिया. जिसके बाद महिला द्वारा अधिवक्ता केके कुन्हारे के माध्यम से घरेलू हिंसा, विदेश से लेकर भारत के दो राज्यो में अत्याचार करने की याचिका दायर की है. 



 


जांच में महिला को प्रताड़ित करने की बात सामने आई

महिला की ओर से अदालत में पक्ष रखने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता केके कुन्हारे अनुसार पीड़िता द्वारा दुबई सरकार सहित भारत के माननीय राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से भी शिकायत की गई है. शिकायत के उपरांत महिला थाना इंदौर द्वारा मदद के बाद पीड़िता ने न्यायालय में याचिका लगाई गई थी. याचिका के आधार पर महिला बाल विकास द्वारा पूरे मामले में जांच के आदेश दिए गए थे. जांच में महिला को प्रताड़ित करने की बात सामने आई जिस पर न्यायालय द्वारा महिला को राहत देते हुए पति संजय, देवर आशीष, ननद तारा, शारदा सहित अन्य परिवार जनों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.

बहरहाल विदेश सरकार और फिर भारत सरकार से इंसाफ की गुहार लगाने के बाद इन्दौर जिला कोर्ट ने महिला के पक्ष में आदेश दिया है. अब देखना यह होगा कि आरोपी कब तक सलाखों के पीछे होते है.

 

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