MP News: इंदौर सहित पूरे मध्य प्रदेश में गांधी जयंती के अवसर पर जेल में बंद उन कैदियों की रिहाई की है, जो आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे है. नए नियमों के मुताबिक अब गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के साथ गांधी जयंती और अंबेडकर जयंती के मौके पर भी अनुशासित कैदियों की रिहाई शुरू हो चुकी है. इसी के चलते रविवार को गांधी जयंती के अवसर पर इंदौर की सेंट्रल जेल से 45 कैदियों को रिहा किया गया. जिनमें एक महिला कैदी भी शामिल है.
जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने सभी कैदियों को दी शुभकामनाएं
केंद्रीय जेल इंदौर में अनुशासित और हुनरमंद कैदियों को रिहा किया गया. जो हत्या और हत्या के प्रयास सहित अन्य गंभीर अपराधों में या तो आजीवन कारावास या अन्य तरह की सजा काट रहे हैं. इस मौके पर जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने सभी कैदियों को शुभकामनाएं देने के साथ ही कैदियों द्वारा सालों से किये जा रहे काम के एवज में धनराशि भी दी. जेल अधीक्षक अलका सोनकर ने बताया कि नई नीति के तहत केंद्रीय जेल से 145 कैदियों को रिहा किया गया. वही हुनरमंद कैदियों द्वारा अपने आर्ट को ले जाया जा रहा है. इसके अलावा जेल से रिहा हो रहे कैदियों को जेल प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि वो बाहर जाकर अच्छा काम करेंगे और जेल प्रशासन की मदद की आवश्यकता होगी तो जेल प्रशासन उनकी मदद के लिए तैयार रहेगा.
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रिहा हुए कैदियों ने क्या कहा?
जेल से बाहर आए कैदियों ने खुशी जाहिर करते हुए जेल प्रशासन और सरकार का आभार भी प्रकट किया. धारा 307 के तहत जेल में सजा भुगत रहे कलाकार दिलीप गुर्जर ने बताया कि जेल में उन्होंने जो कलात्मक काम किया है. उसे लेकर वो बाहर निकल रहे हैं. वहीं उन्होंने कहा कि वो 12 साल एक माह से जेल में बंद है और उन्होंने कहा कि कई बार जीवन में हादसा हो जाता है लेकिन आगे के जीवन को वो सुधार कर काम करेंगे. यह हमें नया जीवन मिला है. फिलहाल, जेल से रिहा हुए कैदियों की गांधी जयंती के अवसर पर रिहाई हुई है और इस दौरान सभी कैदी खुश नजर आए. यह सभी कैदी अच्छे आचरण और अनुशासन के चलते जेल से रिहा हुए है.