Lata Mangeshkar Death: इंदौर में लता दीदी के गीतों पर रिसर्च बुक, किताब में 26 भाषाओं में 6500 गानों का जिक्र
लता दीदी के जबरदस्त प्रशंसक सुमन चौरसिया ने एक रिसर्च कर "लता समग्र" नाम की बुक ही प्रकाशित करवा दी थी, जिसमें लता दीदी के 2014 तक के गाये हुए 26 भाषाओं के गाने संकलित हैं.
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Indore News: स्वर कोकिला के नाम से जानी जाने वाली हिंदी सिनेमा की प्रसिद्ध गायिका लता मंगेशकर का निधन हो चुका है. हालांकि उनकी सुमधुर आवाज के सभी मुरीद थे, लेकिन कुछ ऐसे किस्से भी है जिन पर विरोधाभास की स्थितियां बनी हुई थी. अंततः मध्य प्रदेश के इंदौर में जन्मी लता मंगेशकर को उन्ही की जन्मस्थली के एक व्यक्ति ने एक ऐसी रिसर्च कर एक किताब की शक्ल में लता समग्र में संग्रहित किया है.
लता दीदी पर लिखी किताब में उनके गानों का जिक्र
दरअसल हम बात कर रहे है इंदौर के पिग्डम्बर स्थित लता मंगेशकर संग्रहालय की जिसे शुरू किया इंदौर के सुमन चौरसिया ने. फ़िल्म जगत और अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों का अक्सर ये सवाल होता है कि आखिरकार लता दीदी ने हिंदी सहित अन्य भाषाओं में कुल कितने गीत गाये है, तो जबाव होता है 10 हजार, 20 हजार या 30 हजार. लेकिन ये सही नहीं है, क्योंकि लता दीदी के जबरदस्त प्रशंसक सुमन चौरसिया ने एक रिसर्च कर "लता समग्र" नाम की बुक ही प्रकाशित करवा दी थी, जिसमें लता दीदी के 2014 तक के गाये हुए 26 भाषाओं के गाने संकलित है. लता समग्र के हिसाब से स्वर कोकिला ने लगभग 6 हजार 500 गीत गाये हैं, यानी पुस्तक में इसका सीधा जबाव है.
1974 में गिनीज बुक में दर्ज हुआ था नाम
वहीं एक बहस भी इस बात को लेकर छिड़ी है कि लता मंगेशकर का नाम 1974 में गिनीज बुक दर्ज किया गया और बाद में उनका नाम हटा दिया गया. इस पर लता दीदी के प्रशंसक सुमन चौरसिया का मानना है कि कभी लता दीदी ने गिनीज बुक वालों को बोला ही नहीं था कि उनका नाम जोड़ा जाए, लिहाजा इस बात का मलाल ना तो दीदी को है और ना ही उनके चाहने वालों को, हालांकि सुमन चौरसिया का मानना है उन्होंने 2003 में एक रिसर्च शुरू की थी जो किताब के रूप में सामने है, जिसमें लता दीदी के गाये हुए हर गीत और फ़िल्म का जिक्र है. लता दीदी ने सुमन चौरसिया की तारीफ खुद कई बार की और एक दफा तो उन्हें पत्र भी लिखा था जिसमें संग्रहालय को लेकर खुशी जताई थी.
वहीं अब सुमन चौरसिया लता दीदी के निधन पर दुखी हैं और उनका कहना है कि भारत देश की सरस्वती चलीं गईं, वो हमारे यादों के हमेशा जीवित रहेंगी.
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